भिलाई-दुर्ग शहर के चौक-चौराहे डेंजर जोन में हो गए तब्दील पांच सालों के दौरान दुर्ग जिले में 977 लोगों ने गंवाई जान
भिलाई-दुर्ग शहर के चौक-चौराहे डेंजर जोन में हो गए तब्दील पांच सालों के दौरान दुर्ग जिले में 977 लोगों ने गंवाई जान
भिलाई। दुर्ग जिले में सड़क हादसों के चलते होने वाली मौतों का आंकड़ा सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल रहा है। दुर्ग जिले में पिछले पांच सालों के दौरान सड़क हादसों में 977 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। खासकर भिलाई -दुर्ग शहरी क्षेत्र के चौक-चौराहे हादसे के लिहाज से डेंजर जोन में तब्दील हो गए हैं। इसमें ज्यादातर चौराहे फोरलेन सड़क के शामिल हैं। शहर के बड़े चौराहे डेंजर जोन बन गए हैंए जहां हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है। भारी वाहनों की आवाजाही के बाद भी इन चौराहों पर सुरक्षा के इंतजाम जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि पिछले पांच वर्षो में 977 लोगों की मौत हो गई। वर्ष 2022 में सबसे अधिक 301 मौतें दर्ज की गई है। शहर के सुपेला चौक, नेहरु नगर सहित अन्य रोड पर छिटपुट हादसे हो ही रहे हैं। इसके बाद भी जाम और ट्रेफिक के दबाव को कम करने प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। यहां भारी वाहनों की आवाजाही दिनभर होती है। ट्रेफिक पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019 से 2023 तक पिछले पांच वर्षो में पूरे दुर्ग जिले में 3 हजार 936 सड़क हादसे हुई है जिसमें कुल 3 हजार 674 लोग घायल हुए है। जबकि इस पूरे हादसे में 977 लोगों की अकाल मौत हो गई है। आए दिन पेश आने वाले इन सड़क हादसों व मौत को रोकने ट्रेफिक पुलिस कई पहल कर रही है ताकि जिले के सड़कों पर हादसों में कमी आने के साथ लोगों की अकाल मौत को रोका जा सके। 20 चौक-चौराहे बन चुके ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्ग पर नेहरू नगर गुरुद्वारा से लेकर कुम्हारी टोल प्लाजा तक 20 चौक-चौराहें ऐसे हैं जहां हर साल एक्सीडेंट में मौतें हो रही है। इसमें नेहरू नगर से गुरुद्वारा चौक, सुपेला चौक, चंद्रा-मौर्या चौक, तीन दर्शन मंदिर के पास, बसंत टॉकीज के सामने, पॉवर हाउस चौक, आईटीआई के सामने, खुर्सीपार चौक, डबरा पारा चौक, सिरसा गेट चौक, काली मंदिर के सामने चरोदा, एसबीआई के सामने चरोदा, जीआरपी चौकी के पास चरोदा, डीएमसी कटिंग के पास, रॉयल खालसा ढाबा, खारुन ग्रीन कुम्हारी, केनरा बैंक के सामने कुम्हारी, ओवर ब्रिज कुम्हारी, कुम्हारी टोल प्लाजा में पिछले तीन साल से लगातार हादसे हो रहे हैं। लेन डिसीप्लीन पर दिया जा रहा जोर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामगोपाल गर्ग के द्वारा नेशनल हाईवे.53 में भारी वाहन चालको को बाये लेन का प्रयोग करने दिये गये निर्देश के परिपालन में यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा बाफना टोल एवं कुम्हारी टोल प्लाजा में दोनों मार्ग में भारी वाहन चालको को बांए लेन में चलने हेतु पाम्पलेट वितरण कर एवं जिंगल के माध्यम से एवं इन दोनों टोल के बीच मे हाइवे पेट्रोलिंग के जवानों के द्वारा भारी वाहन चालकों को समझाइश देते हुए अपील की जा रही है जिससे नेशनल हाईवे -53, अंजोरा बाईपास से कुम्हारी टोल तक 40 किलोमीटर के क्षेत्र में 30 किलोमीटर का क्षेत्र शहरी के अंतर्गत आता है एवं राजधानी रायपुर से लगे होने के कारण इस मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है नेशनल हाईवे 53 में प्रतिदिन 30000 से अधिक वाहन गुजरते हैं। जिसमें से लगभग 4000 भारी वाहन होता है भारी वाहन बांए लेन में चलने से एवं लेन डिसिप्लीन का पालन करने से में सडक दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके एवं चौक चौराहों में जाम की स्थिति निर्मित न हो और छोटे चार पहिया वाहन चालक आसानी से दांए लेन का प्रयोग कर सके, जिससे गलत लेन से ओवर टेक करने से होने वाली सडक दुर्घटनाओं को रोका जा सकें। हादसों में मौत व घायलों का आंकड़ा
वर्ष दुर्घटनाएं घायल मौत