छत्तीसगढ़

कवि ने पूछा- कईसे रे समारू, बने-बने छत्तीसगढ़िया बोलिस- आॅल राइट

 सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ कवर्ड्धा-  शहर के गांधी मैदान में रविवार की रात अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन हुआ। देर रात तक उपस्थित भीड़ के बीच कवियों की महफ़िल जमी रही। पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने अपने ठेठ देसी अंदाज में छत्तीसगढ़ी में ही मंच का संचालन किया। उन्होंने जैसे ही कहा कि छत्तीसगढ़िया आदमी में गजब का कांफिडेंस होता है।

वह किसी से नहीं डरता.. वैसे ही श्रोताओं के जमकर ठहाके लगे। फिर कहा कि छत्तीसगढ़िया को भाषा व अन्य दिक्कतें कभी नहीं आती है। वह हर जगह रच-बस जाता है। इसे उन्होंने अपनी कविता से अनोखे अंदाज में बताते हुए कहा कि जब भी किसी छत्तीसगढ़िया से पूछा जाता है, तो वह हर बात पर ऑल राइट कहता है। जैसे से पूछा कि कइसे रे समारू बने- बने, वह बोला ऑल राइट। ये सुन जमकर ठहाके गूंजने लगा।

ठेठ देसी अंदाज: छत्तीसगढ़ी में ही किया मंच का संचालन

भाईचारा लखन से, मर्यादा प्रभु श्रीराम से सीखिए: पार्थ नवीन

सम्मेलन में प्रतापगढ़ (उप्र) के कवि पार्थ नवीन ने अपने संदेश भरे पेरोडी और हास्त चित्त गीत से लोगों में समां बांध दिया। उन्होंने लोगों को भाईचारा लखन से और मर्यादा प्रभु श्रीराम से सीखने की बात कही। दिल्ली की शृंगार कवयित्री पद्मनी शर्मा ने अपनी प्रेम भरी कविता से मौसम को सुमधुर कर दिया। उज्जैन से वीर रस के कवि राहुल शर्मा वीर अभिनन्दन और चंद्रयान पर कविता पढ़ पूरे माहौल को राष्ट्र प्रेम से भर दिया। आयोजन के दौरान लोग भारत माता की जय घोष करने लगे।

कवि बंशीधर ने दिल तो बच्चा है… से लोगों को खूब हंसाया

छतीसगढ़ से हास्य व्यंग्य कवि बंशीधर मिश्रा ने अपनी चुटीले अंदाज में दिल तो बच्चा है, बड़े- बड़े कच्चा है.. से लोगों को खूब हंसाया। साथ ही छतीसगढ़ से ही कौशल साहू (लक्ष्य) ने छतीसगढ़ी भाषा मे धर्म-परंपरा के तारीफ भरे गीत और अपने पैरोडी से लोगों का दिल जीता। कार्यक्रम में आयोजन समिति के अभिषेक पाण्डेय, वेदांत शर्मा, शिव ठाकुर, अभिषेक चंद्रवंशी, खिलेश बंजारे समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।

 

 

 

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