SECL – विशेष अभियान 3.0 : स्क्रैप हटाने एवं सफाई में सबसे आगे एसईसीएल
90 से अधिक चिन्हित किए गए स्थानों में 21 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र को किया गया साफ। सफाई के दौरान निकले कबाड़ से बनाए गए शेर एवं चंद्रयान।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
Smart City bilaspur…
भारत सरकार के विशेष अभियान 3.0 का एसईसीएल द्वारा बड़े स्तर पर क्रियान्वयन किया जा रहा है। चिन्हित जगहों की सफाई एवं स्क्रैप निस्तारण में एसईसीएल कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में सबसे आगे चल रही है।
2 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में एसईसीएल द्वारा मुख्यालय एवं विभिन्न संचालन क्षेत्रों में अब तक 90 से ज़्यादा जगहों को साफ किया गया है और इस प्रकार लगभग 21 लाख वर्ग फुट से अधिक का क्षेत्र साफ हुआ है। स्क्रैप निस्तारण की बात करें तो कंपनी अभी तक 1500 मेट्रिक टन से अधिक स्क्रैप हटा चुकी है जिससे 8 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान 3.0 चलाने की घोषणा की है, जिसमें साफ-सफाई एवं स्क्रैप/कबाड़ के निस्तारण के साथ सरकारी कार्यालयों में लंबित फाइलों के निपटान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
लंबित फाइलों एवं शिकायतों के निपटान पर ज़ोर
साफ-सफाई एवं स्क्रैप निस्तारण के अलावा एसईसीएल लंबित फाइलों के निपटान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
विशेष अभियान 3.0 के तहत एसईसीएल द्वारा लगभग 1,000 फाइलों एवं 5,500 ई-फाइलों की समीक्षा की जा रही है।
वहीं कंपनी द्वारा सीपीग्राम्स (CPGRAMS) में शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए द्रुत गति से कार्य किया जा रहा है।
नतीजन एसईसीएल लोक शिकायत के निपटान में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। 1.10.2022 से 30.09.2023 की समयावधि में शिकायतों के निपटान में औसतन 8 दिन का समय लगा है।
कबाड़ से कलाकृति
एसईसीएल ने विशेष अभियान 3.0 अंतर्गत निकली खनन स्क्रैप सामग्री को सुंदर प्रतिमाओं में बदलकर इस अभियान को कचरे के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के अवसर के रूप में अंगीकृत है। एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र में स्क्रैप का इस्तेमाल करते हुए 4 सुंदर कलाकृतियों का निर्माण कर एक सार्वजनिक पार्क में स्थापित किया गया है।
वहीं एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के होनहार कामगारों द्वारा कबाड़ से चंद्रयान रॉकेट की सुंदर कलाकृति को बनाया गया है।