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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी लाल बहादूर शास्त्री जी की जयंती

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी लाल बहादूर शास्त्री जी की जयंती

छत्तीसगढ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी कैम्प-1 गांधी चैक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के आदम कद प्रतिमा में एवं पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी के तैल्यचित्र पर माल्यअर्पण किया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था उनके पिता करमचंद गांधी काटियावाड की एक रियासत के दिवान थे वे अपनी इमानदारी के लिए विख्यात थे देश की आजादी के लिए अपना सर्ववस्व न्यौछावर कर दिया आज हम जिस आजादी की ठंडी हवा में सांस ले रहे है वह गांधी जी के बदौलत है लेकिन कुछ सिर फिरे लोगों ने स्वच्छता अभियान के अंर्तगत ऐसे स्थानों में गांधी जी के फोटो का स्कैच चश्मे को लोगो बनाकर नगर निगम, नगर पंचायत और गांव के शुलभ शौचालयों में लगाया जा रहा था उसमें गांधी जी के फोटो के स्कैच और चश्में का लोगो बनाकर नगर निगम के डस्टबीनों, मलिन स्थलों में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक राज्यों में लगाया आज हमारे हिन्दुस्तान की जनसंख्या 140 करोड़ की है लेकिन किसी के समझ में नहीं आया कि हम अपने बुजुर्गों की फोटो का स्कैच और चश्मे के लोगो को गंदे, मलीन स्थानों में कैसे लगाया बडे़ शर्म की बात है जब मैं टेªन में सफर किया तो मैंने ट्रेनों के डब्बों के शुलभ शौचालयों और रेल्व स्टेशन, के कचरों के डब्बों में देखकर आत्मग्लानि हुआ और मैंने संकल्प लिया देश के राज्यों और केन्द्र सरकारों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी लिया जाये और केन्द्रसरकार और राज्य सरकारों से संतोषजनक जवाब नहीं आने के कारण मैनें बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया बिलासपुर हाईकोर्ट के विद्धवान न्यायाधीसों ने मेरी जनहित याचिका को गंभीरता से लिया और केन्द्र सरकार से लेकर राज्यों में मलीन, गंदे स्थानों सुलभशौचालयों जैसे स्थानों में बनाये गये गांधी जी के स्कैच और लोगो को हटाने का निर्देश दिया इस आधार पर पूरे देश से हटाया गया इस बात का बहुत दुःख हुआ कि जिस गांधी जी के बदौलत देश आजाद हुआ उसी गांधी जी के फोटो का स्कैच और चश्में का लोगो देश के मलीन, गंदे स्थानों से लेकर शुलभशौचालय में लगाया जा रहा है क्या आप अपने बुजुर्गों की फोटो या चश्मे को शुलभ शैचालय में रखेंगे
आज लालबहादूर शास्त्री जी की भी जयंती है शास्त्री के प्रधानमंत्री रहने के बाद 1965 में हम अमेरिका के लाल गेंहू खाया करते थे और अनाज की कमी के कारण हिन्दुस्तान का आधे से ज्यादे व्यक्तियों को भी भरपेट अनाज नहीं मिल पाता था शास्त्री जी ने देश में किसानों को जय जवान जय किसान का नारा दिया और उन्ही के अव्हान पर आज देश की 140 करोड़ जनसंख्या होने के बावजूद लोगांे को पर्याप्त अनाज मिल रहा है यह शास्त्री जी की देन है इतना चावल और गेंहू आज देश में पैदा होता है कि 5 साल भी अकाल पड़ जाये तो देश में अनाज की कमी नहीं होगी
कार्यक्रम में मुकेश चंद्राकर, तुलसी साहू, अब्दुल कादिर सिद्धिकी, समयलाल साह, बैजनाथ शुक्ला, ईश्वरचंद्र त्रिपाठी, संजय लाखे, ज.आर.साहू, नईम बेग, ईश्वरी बडडानी, दिदार भाई, गायत्री देवागंन, उमा देवी धर्मेंद वैष्णव, परवेज आलम, वाई.के. सिंह, राजेश शर्मा, गरीब दास, जवाहर लाल, मुन्नी लाल शर्मा, लक्ष्मी यादव, मृत्युंजय भगत, संतोष साहू, चैतराम, राजेश चैधरी, राजेश गुप्ता, परविन्दर सिंह, मो. सलीम, उपस्थित थे।

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