G20 सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन, विकसित भारत बनाने को लेकर विजन… पढ़ें पीएम मोदी का पूरा इंटरव्यू

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई के प्रधान संपादक विजय जोशी और वरिष्ठ संपादकों के साथ एक खास इंटरव्यू में शासन के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में बात की. पीएम मोदी ने इस दौरान वर्ष 2047 तक भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से लेकर कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 बैठक आयोजित करने पर चीन की आपत्ति जैसे कई विषयों पर अपनी बात रखी.पीएम मोदी का उत्तर: इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, हमें दो पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है. पहला जी-20 के गठन पर है. दूसरा वह संदर्भ है जिसमें भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली. जी-20 की उत्पत्ति पिछली शताब्दी के अंत में हुई थी. दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक संकटों के लिए एक सामूहिक और समन्वित प्रतिक्रिया की दृष्टि को लेकर एक साथ मिलीं. 21 वीं सदी के पहले दशक में वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान इसका महत्व और भी बढ़ गया. लेकिन जब महामारी ने दस्तक दी, तो दुनिया ने समझा कि आर्थिक चुनौतियों के अलावा, मानवता को प्रभावित करने वाली अन्य महत्वपूर्ण और तात्कालिक चुनौतियां भी हैं.
जैसा कि मैंने पहले ही कहा है, दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है. जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक नई विश्व व्यवस्था देखी गई थी, कोविड के बाद एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है. प्रभाव और असर के मापदंड बदल रहे हैं और इसे पहचानने की आवश्यकता है.
‘सबका साथ -सबका विकास’ मॉडल जिसने भारत में रास्ता दिखाया है, वह विश्व के कल्याण के लिए भी मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है. जीडीपी का आकार कुछ भी हो, हर आवाज मायने रखती है.
इसके अलावा, मेरे लिए किसी भी देश को कोई सलाह देना सही नहीं होगा कि उनकी जी 20 अध्यक्षता के दौरान क्या करना है. हर किसी की अपनी अनूठी ताकत होती है और वह उसी के अनुरूप आगे बढ़ता है.
मुझे अपने मित्र राष्ट्रपति लूला के साथ बातचीत करने का सौभाग्य मिला है और मैं उनकी क्षमताओं और दृष्टिकोण का सम्मान करता हूं. मैं उन्हें और ब्राजील के लोगों को जी-20 की अध्यक्षता के दौरान उनकी सभी पहलों में बड़ी सफलता की कामना करता हूं.
हम अभी भी अगले वर्ष ‘ट्रोइका’ (जी-20 के भीतर एक शीर्ष समूह) का हिस्सा होंगे जो हमारी अध्यक्षता से परे जी-20 में हमारे निरंतर रचनात्मक योगदान को सुनिश्चित करेगा.
मैं इस अवसर का लाभ उठाकर जी-20 की अध्यक्षता में अपने पूर्ववर्ती इंडोनेशिया और राष्ट्रपति (जोको) विडोडो से प्राप्त समर्थन को स्वीकार करता हूं. हम उसी भावना को अपने उत्तराधिकारी ब्राजील की अध्यक्षता में आगे बढ़ाएंगे.
भारत में हमारे ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ (पुराने प्रदर्शन) को देखें. हमने उन जिलों की पहचान की जिन्हें पहले ‘पिछड़ा’ और उपेक्षित करार दिया गया था. हम एक नया दृष्टिकोण लाये और वहां के लोगों की आकांक्षाओं को सशक्त बनाया. आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया गया. इनमें से कई जिलों में महत्वपूर्ण प्रगति के साथ इसके अद्भुत परिणाम सामने आ रहे हैं.
हमने बिना बिजली वाले गांवों और घरों की पहचान की और उनका विद्युतीकरण किया. हमने ऐसे घरों की पहचान की जहां पीने का पानी उपलब्ध नहीं था और नल के पानी के 10 करोड़ कनेक्शन उपलब्ध कराए गए. इसी तरह, हम उन लोगों तक पहुंचे जिनके पास शौचालय और बैंक खाते जैसी सुविधाएं नहीं थीं. उन्हें सक्षम और सशक्त किया गया.
यह वह दृष्टिकोण है जो वैश्विक स्तर पर भी हमारा मार्गदर्शन करता है. हम उन लोगों को जोड़ने के लिए काम करते हैं जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.
स्वास्थ्य का उदाहरण लें. हम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण में विश्वास करते हैं. यह खुद को अलग-अलग तरीकों से प्रकट कर रहा है.