. राखी के अटूट बंधन
प्रिय कहे पुकार के आओ बहना आज।
इस पावन त्योहार में भाई की कलाई साज।।
माथे पर तिलक लगाओ सजाओ भाई का हाथ।
रब के आर्शीवाद से भाई-बहन रहें साथ।।
भाई इस विश्वास से खुशियाँ पाएँ अपार।
बहना मेरी खुश रहे उम्र बढ़े हजार।।
बहन का रक्षक बनूं दुख न आये पास।
बहन का प्यार है भाई के लिए खास।।
बहन घर में होने से लगता नहीं वीरान।
बहन के विदाई से घर हो जाता सुनसान।।
नैना बहन के दुख हरूँ प्रिय मत रहूँ अनजान।
बन सकूँ सच्चा भाई एक ही सौ के समान।।
ऐसे पावन रिश्ते से महक रहा संसार।
भाग्यशाली भाई हूँ जिसे मिला बहना का प्यार।।
आओ मिलकर मनाएं आज राखी का त्योहार।
भाई-बहन खुशियाँ बाँटें यही जीवन का सार।। परमानंद निषाद'प्रिय' ग्राम - निठोरा,पोस्ट - थरगाॅंव,
तह.-सोनाखान,जिला-बलौदा बाजार(छ.ग.)