भिलाई में लाखों की बनी सड़क समय से पहले हो गई खराब,
जगह जगह धसक गया सड़क, हो गये बड़े बड़े गडढे,
निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर होगी कार्यवाही,
प्रशासक काबिज रहते समय नगर निगम ने कराया था इस सड़क का निर्माण
भिलाई। निगम अधिकारी और ठेकेदार की मिली भगत के कारण हाउसिंग बोर्ड से लगी कैलाश नगर में लाखों रुपए खर्च कर बनी सड़क समय से पहले ही मात्र दो साल में ही बूरी तरह जर्जर हो गई। जगह जगह जहां सड़क धसक गई है, वहीं बड़े बड़े गडढे हो गये है, जहां दुर्घटना होना शुरू हो गया है। भगवा चौक से घासीदास नगर तक बनी इस सड़क का निर्माण तब दो साल पहले तब हुआ था जब नगर निगम में प्रशासक काबिज थे। हाउसिंग बोर्ड के पास वार्ड 21 कैलाश नगर इलाके में सन मैरिज पैलेस के सामने से गुजरने वाली 480 मीटर लंबी सड़क जगह-जगह गड्ढों के चलते खतरनाक हो गई है। बारिश थमे रहने पर भी इन गड्ढों पर पानी भरे होने से लोगों की आवाजाही में भारी दिक्कत हो रही है। खासकर दुपहिया वाहन चालकों को इस सड़क पर खतरे से खेलकर आवाजाही करने मजबूर होना पड़ रहा है। चार पहिया और दुपहिया के गुजरने के दौरान पैदल चलने वालों पर सड़क के पानी का छिंटा पडऩे से कपड़े गंदे हो रहे हैं। सड़क पर गड्ढों की भरमार और लंबाई चौड़ाई ज्यादा होने से आस.पास के रहवासियों का घर से निकलना मुश्किलों भरा हो गया है।
बताया जाता है कि कैलाश नगर के लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से जामुल जाने वाले सड़क से जुड़े भगवा चौक से घासीदास नगर की ओर जाने वाली सड़क को बनाने नगर निगम से गुहार लगाई थी। आखिरकार नगर निगम ने इस सड़क का नए सिरे से डामरीकरण किया। यह काम तब हुआ जब निगम में महापौर देवेन्द्र यादव का कार्यकाल खत्म होने के बाद समय पर चुनाव नहीं होने से प्रशासक काबिज थे। लाखों रुपए खर्च करने के बाद जनभावना को सम्मान देने बनी यह सड़क पहली बारिश भी झेल नहीं सकी। इस साल की दूसरी बारिश का मौसम आने के साथ ही बची खुची सड़क ने भी दम तोड़ दिया है। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि निगम के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि नजर रखते हैं। वर्तमान में कैलाश नगर वार्ड 21 की पार्षद श्रीमती नेहा साहू महापौर परिषद की सदस्य भी हैं। इसे यहां के रहवासियों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि इस सड़क का निर्माण उनके पार्षदी कार्यकाल शुरू होने के कुछ ही महीने पहले हो चुका था। जिस तरह से लाखों रुपए खर्च कर बनी सड़क का हाल बेहाल हो गया है उससे संबंधित निर्माण एजेंसी के द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि नहीं होने का गलत तरीके से फायदा उठाकर गुणवत्ताहीन काम किए जाने की संभावना को बल मिल रहा है।