मुख्यमंत्री को उनके भतीजे के माध्यम से भाजपा ने की चुनाव में घेरने की तैयारी

आचार संहिता लागू होने के पहले ही भाजपा ने की विधानसभा चुनाव के लिए 21 प्रत्याशियों की कर दी सूची जारी
भिलाई। आगामी नवंबर या दिसंबर में छत्तीसगढ में विधानसभा चुनाव होना है, हालांकि अभी आचार संहिता भी नही लगा है लेकिन उसके पहले ही भाजपा ने छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव के लिए दुर्ग के सांसद विजय बघेल के साथ ही अपने 21 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। यह घोषणा आज भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में की गई। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य सदस्य शामिल हुए थे। यह छत्तीसगढ के लिए पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव आचार संहिता लगने के पहले ही भाजपा ने अपने 21 प्रत्याशियों की घोषणा की है।
भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान ने दुर्ग जिले के अपने वर्तमान सांसद विजय बघेल को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरूद्ध पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में तीन माह पहले ही टिकिट देकर भूपेश बघेल को उनके ही गढ में उनके भतीजे विजय बघेल के माध्यम से भूपेश बघेल को घेरने की कोशिश कर रही है। इसके पहले भी भाजपा ने विजय बघेल को सन 2008 में पाटन से भूपेश बघेल के विरूद्ध चुनाव मैदान में उतारा था जिसमें पहली बार भूपेश बघेल को विजय बघेल ने पराजित किया था जिसके कारण मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विजय बघेल को गृह,जेल एवं सहकारिता विभाग का संसदीय सचिव बनाया था। उसके बाद सन 2018 के चुनाव में विजय बघेल को भाजपा ने विधानसभा की टिकिट नही देकर यहां से रायपुर के मोतीलाल साहू को भाजपा की टिकिट दी थी। भाजपा ने तुरूप का चाल चलते हुए विजय बघेल को टिकिट नही देकर लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए इनको सुरक्षित कर दिया था और लोकसभा का टिकिट दिया, जिसमें विजय बघेल के सौम्य स्वभाव और कुशल व्यवहार के कारण दुर्ग लोकसभा की जनता ने हाथो हाथ लेते हुए एकतरफा वोट देकर रिकार्ड मतों से विजय बघेल को विजय श्री दिलाकर संसद बनाया।
ज्ञातव्य हो कि विजय बघेल सन 2000 में भिलाई तीन चरोदा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष के लिए टिकिट नही मिलने के कारण कांगं्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडकर भिलाई तीन का नपाध्यक्ष बने और उसके बाद वे शरद पवार की पार्टी में छत्तीसगढ में राकांपा के लिए प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के माध्यम से वे राष्टवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये और वे राकांपा से सन 2003 में विजय बघेल भूपेश बघेल के विरूद्ध पहली बार चुनाव लडे थे और 5 हजार वोटो से पराजित हुए थे। उसके बाद विजय बघेल ने भाजपा का दामन थाम लिये और सन 2008 में भाजपा से विधायक और सन 2019 में दुर्ग लोकसभा से भाजपा से चुनाव लड़कर सांसद बने।
प्रदेश में भाजपा ने विधानसभा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। कुल 21 सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा से सांसद विजय बघेल को प्रत्याशी बनाया गया है।