छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने मुरूम खदान में डूबने से बच्चों की मौत मामले की कराई जांच। गत 20 साल से हो रही थी तालाब में निस्तारी। तालाब में मछलीपालन भी किया जा रहा था।

कलेक्टर ने मुरूम खदान में डूबने से बच्चों की मौत मामले की कराई जांच। गत 20 साल से हो रही थी तालाब में निस्तारी। तालाब में मछलीपालन भी किया जा रहा था।

 

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर- कलेक्टर संजीव कुमार झा ने मुरूम खदान में डूबने से दो बच्चों की मौत संबंधी खबर को संजीदगी से लेते हुए मामले की जांच कराई है।
खनिज एवं पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है।
रिपोर्ट के अनुसार बहतराई के भस्माखार तालाब का उपयोग ग्रामीणों द्वारा गत 20 साल से निस्तारी के रूप में किया जा रहा है।
विगत लगभग 7-8 वर्ष से इसमें मछलीपालन का कार्य भी किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बयान में जांच टीम को बताया कि तालाब में 20 वर्षों से पानी भरा हुआ होता है। इसमें किसी भी प्रकार का उत्खनन नहीं हुआ है। उक्त तालाब का निर्माण किसने कराया, ये जानकारी नहीं मिल पाई।
जिससे यह स्पष्ट है कि उक्त तालाब मुरूम खदान नहीं है और न ही विभाग द्वारा उक्त स्थल में किसी प्रकार की मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई है। वार्ड क्रमांक 49 के पार्षद प्रतिनिधि दूजराम लास्कर ने बताया कि भस्माखार तालाब में मछली मारने आये दो बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चे अपोलो हास्पिटल के समीप लिंगियाडीह के रहने वाले थे।

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