छत्तीसगढ़

महतारी वंदन योजना से मिली उम्मीद की नई किरणमुसीबतों से घिरे साहू परिवार को योजना ने दिया सहारा

छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू की रिपोर्ट
बिलासपुर मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर मस्तूरी ब्लॉक का गांव वेद परसदा, जहां श्रीमती साहिन बाई साहू अपने पति और दिव्यांग बच्चे के साथ बमुश्किल गुजर-बसर कर रही थीं। उनके पति अर्जुन साहू विगत 15 सालों से चल-फिर पाने में असमर्थ हैं। पैरालिसिस के चलते वे काम नहीं कर पाते हैं। उनका 24 वर्षीय पुत्र पैदायशी बोल पाने में असमर्थ हैं। श्रीमती साहिन पर मानों मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा। मुफलिसी के इस दौर में महतारी वंदन योजना ने उम्मीद की एक किरण दी ।
रूंधे गले से श्रीमती साहिन बाई साहू ने बताया कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि से पति का हर माह इलाज करवाती हैं। घर के राशन में भी मदद मिल जाती है। श्रीमती साहिन ने बताया कि उनके पास आधा एकड़ खेत है। पहले उसी से गुजारा चलता था लेकिन इलाज के लिए पैसों की किल्लत हो जाती थी और राशन का सामान लेना भी मुश्किल हो जाता था। उनके पति ने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा खाद्यान्न सहायता के तहत 35 किलो चावल हर माह मिलता है। महतारी वंदन योजना से हर माह मिलने वाली राशि उनके लिए बहुत बड़ा सहारा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि यहां बेटियों को अगाध स्नेह और सम्मान दिया जाता है। बेटियों का हर घर में विशेष स्थान होता है। तीज-त्यौहारों में बेटियों और बहनों को स्नेह से भेंट और राशि दी जाती है। महतारी वंदन योजना लागू होने से महिलाओं के विश्वास की जीत हुई है।

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