छत्तीसगढ़

16 अगस्त तक फसल बीमा करा सकते हैं किसान। अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 अगस्त की गई। एचडीएफसी इरगो कंपनी कर रही है बिलासपुर जिले में फसल बीमा

16 अगस्त तक फसल बीमा करा सकते हैं किसान। अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 अगस्त की गई। एचडीएफसी इरगो कंपनी कर रही है बिलासपुर जिले में फसल बीमा।

 

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की क्रियान्वयन संबंधी अधिसूचना कृषि विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। खरीफ वर्ष 2023 में फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई को आगे बढ़ाते हुए 16 अगस्त निर्धारित की गई है। सूखा और अल्प वृष्टि को देखते हुए भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। फसल बीमा के लिए भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कंपनियों में से एचडीएफसी इरगो कंपनी लिमिटेड का चयन जिला बिलासपुर हेतु खरीफ तथा रबी वर्ष 2023-24, 2024-25 व वर्ष 2025-26 के लिए किया गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में बिलासपुर जिला के किसान मुख्य फसल धान सिंचित धान असिंचित व अन्य फसल-जैसे मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग उड़द, कोदो, कुटकी एवं रागी का बीमा करा सकते हैं। ऋणी व अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हों, योजना में ऐच्छिक रूप से शामिल हो सकते है।
कृषकों द्वारा प्रदाय की जाने वाली प्रीमियम दर खरीफ वर्ष 2023 के लिए बीमित राशि का 2 प्रतिशत धान सिंचित में 1160) व धान असिंचित में 820रू प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। जो अऋणी कृषक योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हों, वे स्वयं प्रमाणित बुआई प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, बैंक पासबुक व भूमि के दस्तावेज के साथ बैंक/वित्तीय संस्थान, लोकसेवा केन्द्र क्रियान्वयन बीमा कंपनी में 16 अगस्त तक आवेदन कर योजना में शामिल हो सकते हैं। अधिसूचित बीमा में अधिसूचित फसल के प्रतिकूल मौसम से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बोआई से कटाई तक जोखिम, स्थानीय आपदाएं एवं फसल कटाई के उपरांत सूखने के लिए खेत में रखे करपा को होने वाले नुकसान तथा फसल पैदावार के आधार पर व्यापक क्षति को योजना में शामिल किया गया है।
अतः कृषक बंधुओं से अपील की जाती है कि अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा कराकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लें। अधिक जानकारी के लिए अपने ग्राम सर्किल के ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी अथवा कृषि विकास अधिकारी या कार्या वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी में संपर्क कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button