बिलासपुर

रेत माफियाओं के अवैध उत्खनन और खनिज विभाग के भ्रष्टाचार से बनें गड्ढों में जा रहीं हैं जानें,

सेंदरी से घुटकू तक अरपा में गड्ढे ही गड्ढे,सत्ता का संरक्षण पाकर रेत माफियाओं की उदंडता और मनमानी चरम पर,

बिलासपुर /बिलासपुर में अरपा नदी पर दो मुहानी से लेकर सेंदरी और घुटकू तक जगह-जगह मौत के गड्‌ढे और खाइयां है। ये गड्ढे खनिज विभाग के महाभ्रष्ट अधिकारियों की रेत माफियाओं से मिलीभगत की परिणीति है।

हर साल इन गड्‌ढों में किसी न किसी की जान चली जाती है और हर बार खनिज विभाग और प्रशासनिक अफसर पैसों का लेन-देन कर मामले को रफादफा कर देते हैं। ये दुष्कृत्य सत्ता के संरक्षण में चल रहे हैं।

सोमवार को तीन बच्चियों की मौत के बाद इस बार कांग्रेस नेता डब्बू साहू पर अवैध उत्खनन करने का आरोप लगा है। लोगों के इन आरोपों को कांग्रेस नेता व अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य ने भी सही ठहराते हुए दोषी खनिज अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
कोनी क्षेत्र के सेंदरी में सोमवार की सुबह तीन बच्चियों की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने चक्काजाम कर दिया था। पुलिस और प्रशासन के अफसर उन्हें समझाइश देने पहुंचे थे। यहां तक कांग्रेस नेता व बेलतरा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे डब्बू साहू भी वहां लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे थे। लेकिन, उन्हें देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बच्चियों की मौत के लिए उन्हें ही दोषी ठहराने लगे। खुद पर उंगली उठते और बवाल होते देखकर डब्बू साहू को वहां से खिसकना पड़ा, जिसके बाद प्रशासन अफसरों ने मामले को संभाला और भीड़ को शांत कर समझाइश देकर चक्काजाम खत्म कराया।
अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य ने लगाए ये आरोप
अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य व कांग्रेस नेता महेश दुबे ने कहा कि रेत के अवैध उत्खनन और अरपा नदी की बर्बादी के लिए रेत माफियाओं के साथ माइनिंग विभाग के अफसरों से मिलीभगत है। जिसका खामियाजा यहां के लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि खनिज विभाग के अफसरों की सह पर अरपा नदी के अलग-अलग जगहों पर रात ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी अवैध खनन का कारोबार बेधड़क चल रहा है। शिकायत करने पर खनिज विभाग के अफसर दिखावे की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेते हैं। लेकिन, अवैध उत्खनन बंद नहीं होता। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत अरपा के दोनों किनारे बनाए जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण कार्य में लगे कर्मी भी इन अवैध उत्खननधारियों से खुश रहते हैं। उन्होंने खनिज माफिया अफसरों के साथ ही सफेदपोश माफियाओं पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है।

आप पार्टी ने भी अवैध उत्खनन पर उठाए सवाल-

आम आदमी की प्रदेश सचिव व एडवोकेट प्रियंका शुक्ला ने कहा कि शहर व आसपास के इलाकों में अरपा नदी में लगातार अवैध उत्खनन हो रहे हैं, जिसके रोकने में प्रशासनिक अमला पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। शहर में अवैध उत्खनन से तीन लड़कियों की ही मौत नहीं हुई है। बल्कि, इसके पहले भी कई जानें जा चुकी है। इस हादसे के लोगों में आक्रोश है कि अवैध रेत खनन के कारण बच्चियों की मौत हुई है। लाश को सड़क में रखकर प्रदर्शन व चक्काजाम किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मामले की जांच और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा की राशि दिए जाने की मांग करती है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के किस नेता के पास रेत घाट का ठेका है, कौन उस जगह पर रेत खनन करवा रहा है, क्या नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के नियम के हिसाब से खनन हो रहा है? क्या उस नदी के घाट पर खनन के लिए की परमिशन है। ऐसे कई सवाल है, जिस पर सत्ताधारी नेता और अधिकारी खामोश हैं। उनकी ये खामोशी भ्रष्टाचार की कहानी सुना यही है।

कांग्रेस नेता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद –

इधर, कांग्रेस नेता डब्बू साहू ने लोगों के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि खनिज विभाग ने रेत उत्खनन के लिए ठेका दिया है। लेकिन, सेंदरी घाट प्रतिबंधित है। हालांकि, इसके बाद भी यहां लोग अवैध उत्खनन करते हैं। लेकिन, अवैध उत्खनन कराने का जो आरोप मुझ पर लगाया जा रहा है, वह पूरी तरह से निराधार है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है।

जानिए अवैध उत्खनन से कैसे हो रही मौतें –

केस को दबाने दिया 50 हजार रुपए का ऑफर-

बिलासपुर में अवैध उत्खनन के चलते मिट्‌टी धंसने से उसमें दबकर मजदूर की मौत हो गई थी। ट्रैक्टर मालिक ने पुलिस से मिलकर 50 हजार रुपए देकर केस रफा-दफा करने का प्रयास किया। यह मामला करीब छह माह पहले सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम परसाही निवासी नीलागर उर्फ़ विष्णु सिदार (42) पिता महेत्तर सिदार की मौत का है।

पिकनिक बनाने गए टीचर मां व बेटे की मौत –

करीब साल भर पहले कोनी क्षेत्र के सेंदरी घाट के पास पिकनिक मनाने गए टीचर मां स्मिता व बेटे आदेश अरव लाल (14) की अरपा नदी में डूबने से मौत हो गई थी। शिक्षिका अपने पति, बहन-दामाद और बच्चों के साथ अरपा लोफंदी में निर्माणाधीन ब्रिज के पास गई थी। मां-बेटे नदी पार करते समय अवैध उत्खनन की गहराई में समा कर डूब गए। उन्हें तैरना नहीं आता था। इस घटना के दौरान ही कुछ दूर में एक अन्य परिवार की महिला और बच्चे भी डूब गए थे। जिन्हें बचा लिया गया था।

अवैध उत्खनन से गड्‌ढा, डूबने से बच्चे की मौत –

अवैध रेत उत्खनन के कारण हुए गड्‌ढे में भरे पानी में डूबने से एक 7 साल के मासूम की मौत हो गई थी। कोनी क्षेत्र के कछार निवासी 7 साल का आयुष सेंदरी के प्राथमिक शाला में दूसरी कक्षा का छात्र था। वह स्कूल से वापस लौटकर नहाने के लिए गया था। कछार अरपा नदी के तट पर बसा है। यहां नदी से रेत का अवैध उत्खनन लंबे समय से चल रहा है। नदी में चारों ओर मशीनों से, रेत निकालने के लिए बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हैं। उसमें डूबकर मौत की घटनाएं भी होती रहती हैं।

बिलासपुर में अरपा नदी पर दो मुहानी से लेकर सेंदरी और घुटकू तक जगह-जगह मौत का गड्‌ढा और खाई है, जिसे खनिज विभाग की मिलीभगत से रेत माफियाओं ने बनाया है। हर साल इन गड्‌ढों में किसी न किसी की जान चली जाती है और हर बार प्रशासनिक अफसर मामले को रफादफा कर देते हैं। सोमवार को तीन बच्चियों की मौत के बाद इस बार कांग्रेस नेता डब्बू साहू पर अवैध उत्खनन करने का आरोप लगा है। लोगों के इन आरोपों को कांग्रेस नेता व अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य ने भी सही ठहराते हुए दोषी खनिज अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
कोनी क्षेत्र के सेंदरी में सोमवार की सुबह तीन बच्चियों की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने चक्काजाम कर दिया था। पुलिस और प्रशासन के अफसर उन्हें समझाइश देने पहुंचे थे। यहां तक कांग्रेस नेता व बेलतरा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे डब्बू साहू भी वहां लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे थे। लेकिन, उन्हें देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बच्चियों की मौत के लिए उन्हें ही दोषी ठहराने लगे। खुद पर उंगली उठते और बवाल होते देखकर डब्बू साहू को वहां से खिसकना पड़ा, जिसके बाद प्रशासन अफसरों ने मामले को संभाला और भीड़ को शांत कर समझाइश देकर चक्काजाम खत्म कराया।
अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य ने लगाए ये आरोप
अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य व कांग्रेस नेता महेश दुबे ने कहा कि रेत के अवैध उत्खनन और अरपा नदी की बर्बादी के लिए रेत माफियाओं के साथ माइनिंग विभाग के अफसरों से मिलीभगत है। जिसका खामियाजा यहां के लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि खनिज विभाग के अफसरों की सह पर अरपा नदी के अलग-अलग जगहों पर रात ही नहीं बल्कि दिन के उजाले में भी अवैध खनन का कारोबार बेधड़क चल रहा है। शिकायत करने पर खनिज विभाग के अफसर दिखावे की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेते हैं। लेकिन, अवैध उत्खनन बंद नहीं होता। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत अरपा के दोनों किनारे बनाए जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण कार्य में लगे कर्मी भी इन अवैध उत्खनन करने वालों से खुश रहते हैं। उन्होंने खनिज माफिया अफसरों के साथ ही सफेदपोश माफियाओं पर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है।

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