ये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार यहाँ कुछ भी हो सकता है, यहाँ भ्रष्टाचारी अधिकारी खाते हैं मलाई और कर्मचारी की होती है बुराई

ये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार यहाँ कुछ भी हो सकता है, यहाँ भ्रष्टाचारी अधिकारी खाते हैं मलाई और कर्मचारी की होती है बुराई
डोंगरगढ़- जब से धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में जब से कांग्रेस की सरकार काबिज हुई है तब से छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की नदियां उफान पर है। सवाल यह उठता है कि नदी के इस उफान को कम करने का कोई रास्ता भी नजर नहीं आता क्योंकि जायें तो जाये कहां एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई नीचे से लेकर ऊपर तक पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार की इस नदी में गोते लगा रहा है। सच और झूठ का फैसला करने वाले अधिकारियों को भी सच्चाई के सबूत नहीं नोटों की हरियाली दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने लगभग दो वर्ष हो चुके हैं और इन दो वर्षों के कार्यकाल को देखकर कोई भी यह कह सकता है कि ये कांग्रेस की सरकार है यहाँ कुछ भी हो सकता है। कुछ ऐसा ही हाल नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में देखने को मिला जहाँ पर कोरोना महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा के दौरान सामाग्री खरीदी को लेकर किये गए भ्रष्टाचार में राज्य शासन की दोहरी नीति देखने को मिल रही हैं। एक तरफ अपने अधिकारी के आदेश का पालन करने वाले इंजीनियर रितेश स्थापक को निलंबित कर दिया गया वहीं दूसरी तरफ से भ्रष्टाचार से प्रेरित आदेश जारी करने वाले तत्कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी पूजा पिल्ले को जोन कमिश्नर के रूप में पदोन्नत किया गया है।
ज्ञात हो कि लगभग चार माह से समूची दुनिया कोरोंना वायरस से होने वाली महामारी से जूझ रही है और इसकी वैक्सीन इजात करने में लगी हुई है लेकिन अब तक इसका एंटिडोज नहीं मिल पाया है इसलिए एहतियात के तौर पर सेनेटाइजर, स्प्रे का इस्तेमाल करके इससे बचने का प्रयास किया जा रहा है। इसी एहतियात को बरतने के लिए धर्मनगरी डोंगरगढ़ की नगर पालिका में पदस्थ तत्कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी पूजा पिल्ले ने डोंगरगढ़ शहर को सेनेटाईज करने एवं सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से सेनेटाइजर, स्प्रे मशीन, ब्लीचिंग पाउडर सहित अन्य सामाग्री खरीदने का आदेश जारी किया था। चूंकि पूजा पिल्ले मूलतः खैरागढ़ नगर पालिका में पदस्थ थी और डोंगरगढ़ नगर पालिका में प्रभार पर थी इसलिए उन्होंने खैरागढ़ और डोंगरगढ़ दोनों जगह के लिए सेनेटाइजर व स्प्रे मशीन की खरीदी करवाई। चूंकि डोंगरगढ़ नगर पालिका में पूजा पिल्ले सप्ताह में दो या तीन दिन ही आती थी इसलिए अधिकतर कार्य इंजीनियर रितेश स्थापक के माध्यम से ही सम्पादित होते थे और इसी के चलते सेनेटाइजर मशीन व स्प्रे की खरीदी भी इंजीनियर स्थापक के माध्यम से करवाई गई लेकिन यहां पर एक बात गौर करने वाली यह भी है कि इंजीनियर सीएमओ का अधीनस्थ कर्मचारी है इसलिए उन्होंने अपने अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए खरीदी की और बिल निकाला। हैरानी की बात तो यह है कि सेनेटाइजर खरीदी मे इंजीनियर से बड़ी दोषी तो तत्कालीन सीएमओ पूजा पिल्ले है तो छत्तीसगढ़ सरकार की यह कैसी दोहरी नीति है कि अपने अधिकारी के आदेश का पालन करने वाले इंजीनियर को निलंबित कर दिया और पूजा पिल्ले को जोन कमिश्नर के पद पर पदोन्नति दे दी गई। सूत्रों की माने तो पूजा पिल्ले के परमेश्वर मंत्रालय में राजनीतिक पैठ होने के कारण राजनीति करके स्वंम को ना सिर्फ पाक साफ दिखाया बल्कि पदोन्नति भी करवाई और एक कमजोर इंजीनियर उनकी राजनीति का शिकार हो गया।