छत्तीसगढ़

अब हर कमर्शियल कांप्लेक्स में ऊर्जा बचाना और प्रदूषण घटाना जरूरी होगा। छ.ग.राज्य अक्षय ऊर्जा बिल्डिंग कोड के प्रशिक्षण के लिए हुआ दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

अब हर कमर्शियल कांप्लेक्स में ऊर्जा बचाना और प्रदूषण घटाना जरूरी होगा। छ.ग.राज्य अक्षय ऊर्जा बिल्डिंग कोड के प्रशिक्षण के लिए हुआ दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

 

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर- छ.ग. में अब सभी निजी और सरकारी व्यावसायिक भवनों को एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) का पालन करना होगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने छ.ग. सरकार को ईसीबीसी कोड जारी कर दिया है। यह कोड अब प्रदेश में बनने वाले सभी कमर्शियल कांप्लेक्स में लागू होगा। इसी कोड के प्रशिक्षण के लिए नगर पालिक निगम कार्यालय विकास भवन में क्रेडा और निगम द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें निगम के अधिकारी और अभियंताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

निर्माण होने वाले ऐसे ऐसे कमर्शियल भवन जिनकी मांग प्रभार 50 केवी से अधिक/ या अनुबंध भार 50 केवी से अधिक अधिक या कुल निर्मित क्षेत्रफल 1000 वर्गमीटर से अधिक होगा वें सब सीजीईसीबीसी अनुपालन के दायरे में आएंगे। सीजीईसीबीसी अनुपालन को प्रदेश में क्रियान्वित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) राज्य नामित एजेंसी है। इस क्रम में भवन ऊर्जा
दक्षता के प्रति जन साधारण को जागरूक करने एवं कौशल विकास के उदेश्य से बिलासपुर नगर निगम के सहयोग से 5 एवं 6 जुलाई को दो दिवसीय कार्य शाला का आयोजन किया गया। इस कार्य शाला में बिलासपुर नगर निगम के सभी जोन से नामित अधिकारियों एवं अभियंताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
निगम के रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट और अभियंताओं को भी इसमें शामिल किया गया। कार्य शाला की अध्यक्षता क्रेडा जोनल ऑफिस से अधीक्षण अभियंता सी.आर.गोस्वामी द्वारा की गई। नगर निगम से एडिशनल कमिश्नर राकेश जायसवाल ने विशेष अतिथि के रूप में कार्य शाला को संबोधित किया। इंदौर (म.प्र.) से आए ब्यूरो ऑफ
एनर्जी एफिशियंसी, नई दिल्ली द्वारा सर्टिफाइड मास्टर ट्रेनर जितेन्द्र कुमार व्यास द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कार्य शाला में क्रेडा के एनर्जी एफिशियंसी बिल्डिंग सेल की सीनियर कंसल्टेंट आर्किटेक्ट नीना रायचा एवं प्रीती गुप्ता द्वारा बताया गया कि ऊर्जा दक्षता के मापदंडो द्वारा की गई भवन संरचना एवं भवन निर्माण से 25 से 50 प्रतिशत तक ऊर्जा की खपत कम की जा सकती है जिसका सीधा लाभ भवन स्वामी को बिजली बिल में कमी से हो सकता है। ऊर्जा संरक्षण से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी होगी। जिसका लाभ ग्लोबल
वार्मिग कम करने में होगा।
कार्य शाला में निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत, नीलोत्पल तिवारी, मुख्य अभियंता, नगर पालिक निगम बिलासपुर, सुरेश शर्मा भवन अधिकारी, नगर पालिक निगम बिलासपुर, उपअभियंता जुगल किशोर सिंह, कु. शशि वारे एवं जोन के समस्त उपअभियंता, आलोक तिवारी,
सहायक अभियंता क्रेडा, सुश्री सना परवीन, सहायक अभियंता क्रेडा बिलासपुर, तथा नगर
निगम के आर्किटेक्ट रविन्द्र केशरवानी, शिखर खरा का सहयोग रहा।

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