नवीनीकृत पट्टे के इंतजार में प्रधानमंत्री आवास का सपना अधूरा
तीन माह पूर्व शिविर लगाकर लिए गए थे दस्तावेज
छग शासन देगी वंचितों को राजीव आश्रय योजना का लाभ
भिलाई। नवीनीकृत पट्टे के वितरण में हो रही लेटलतीफी से हजारों परिवार के प्रधानमंत्री आवास का सपना मंझधार में अटका हुआ है। तीन माह पूर्व पट्टा नवीनीकरण के पात्रता रखने वालों से दस्तावेजी औपचारिकता पूरी हो चुकी है। इसके बाद तहसीलदार के समक्ष भी आवेदकों की मौजूदगी में दस्तावेजों का सत्यापन कराया जा चुका है। इन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बावजूद नया पट्टा मिलने का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
वर्ष 1984 में बांटे गए आवासीय पट्टों के नवीनीकरण की प्रक्रिया पिछड़ गई है। पट्टा नवीनीकरण के लिए नगरीय प्रशासन विकास विभाग के अवर सचिव एचआर दुबे ने17 मई को निर्देश जारी किया था। जिसके आधार पर निगम व पालिकाओं में 14 जुलाई तक शिविर आयोजित कर हितग्राहियों से पट्टा नवीनीकरण हेतु जरुरी दस्तावेज जमा कराए गए थे। इस दौरान राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की भी मौजूदगी रही थी। जिस तेजी से आवेदन प्रक्रिया पूरी कराई गई उससे लग रहा था कि अघस्त महीने में ही लोगों को नया पट्टा मिल जाएगा। नया पट्टा मिलते ही ऐसे परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता मिल जाती। लेकिन अब तक नवीनीकृत पट्टा नहीं मिल पाने से वर्तमान में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले हजारों परिवार के पक्के मकान में निवास करने का सपना अधूरा है। दर्असल प्रधानमंत्री आवास योजना की मोर जमीन मोर मकान घटक के तहत पट्टेधारियों को पक्का मकान निर्माण कराने शहरी क्षेत्र में दो से ढाई लाख रुपए की सब्सिडी राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना का लाभ 1984 के पट्टाधारियों को इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनकी पट्टे की वैधता वर्ष 2014 में खत्म हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक दुर्ग जिले में 32 हजार 161 स्थायी पट्टा वर्ष 1984 में दिया गया। इन सभी पट्टों की वैधता 30 वर्ष के लिए थी। यह अवधि वर्ष 2014 में खत्म हो जाने के बाद पट्टे की उपयोगिता नहीं रह गई है। ऐसे पट्टे की झुग्गी झोपड़ी को पक्का बनाने प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता नहीं मिलने से अनेक परिवार नवीनीकृत पट्टे का इंतजार कर रहे हैं। यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि शिविर में दस्तावेज जमा कराने के बाद सभी आवेदकों को संबंधित तहसीलदार के समक्ष पेश होने का फमान राजस्व विभाग की ओर से जारी किया गया। जिसके बाद आवेदकों की ओर से अपने प्रस्तुत दस्तावेज की मूल प्रति के साथ तहसीलदार के समक्ष पेश होकर सत्यापन कराया जा चुका है।
यह प्रक्रिया भी अगस्त महीने में पूरी हो चुकी है। बावजूद इसके नया पट्टा कब मिलेगा इसका जवाब कोई भी जिम्मेदार दे नहीं पा रहा है। निगम गलियारे में चर्चा थी कि गांधी जयंती के दिन दो अक्टूबर से नवीनीकृत पट्टों काा वितरण किया जाएगा। लेकिन इस तिथि के 10 दिन बाद भी नवीनीकृत पट्टा वितरण को लेकर किसी प्रकार का हलचल नहीं होने से हितग्राहियों में संशय की स्थिति उभरने लगी है।
छग शासन देगी वंचितों को राजीव आश्रय योजना का लाभ
अब तक अपने आशियाने के मालिकाना हक से वंचित परिवारजनों को छत्तीसगढ़ शासन ने राजीव गांधी आश्रय योजना का लाभ देने का निर्णय ले लिया है। नये फरमान के तहत इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में 19 नवंबर 2018 से पहले सरकारी जमन पर काबिज लोगों को पट्टा मिलेगा। इसके लिए 30 अक्टूबर तक झग्गीवासियों का सर्वे किया जाएगा। इसके पश्चात 25 नवंबर तक पात्र हितग्राहियों को स्थायी अथवा अस्थायी पट्टा वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना का लाभ उन्ही कब्जाधारियों को मिलेगा जो वर्तमान काबिज भूमि में निवास करते हुए राशन कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न योजना का लाभ ले रहे है। दुर्ग जिले के तीनों नगर निगम क्षेत्र में 700 वर्गफुट क्षेत्रफल तक का पट्टा प्रदान किया जाएगा। वही नगर पालिका की स्थिति में 800 वर्गफुट क्षेत्रफल पर ही हितग्राहियों को पट्टे का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त भूमि को संबधित व्यक्ति से खाली कराया जाएगा। झुग्गीवासी भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए कोई प्रब्याजी या भू भाटक नहीं लिया जाएगा। विकास शुल्क के रूप में नगर पालिका क्षेत्र में 10 रुपए तथा निगम क्षेत्र में रायपुर को छोड़ शेष में 15 रुपए प्रति वर्गफुट की दर से दस दस वर्षों तक लिया जाएगा।