पटवारियों ने हड़ताल से लौटने से किया इंकार। निरीक्षकों ने दी हड़ताल की चेतावनी
पटवारियों ने हड़ताल से लौटने से किया इंकार। निरीक्षकों ने दी हड़ताल की चेतावनी।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर—पटवारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से राजस्व विभाग के काम पर असर दिखाई देने लगा है। शासन से दबाव के बीच राजस्व निरीक्षकों समेत कनिष्ठ राज्य सेवा अधिकारियों ने भी पटवारियों का काम करने से इंकार कर दिया है। जानकारी मिल रही है कि राजस्व मंत्रालय ने जून महीने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों भूस्वामियों के बीच निशुल्क पट्टा का वितरण का ऐलान किया है। लेकिन बिना खसरा और बी-1 और रिकार्ड दुरूस्ती के संभव नहीं है। जिसके चलते जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है। जानकारी मिल रही है कि एक दिन पहले कलेक्टर की घुड़की के बाद ना नुकूर के बीच तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने पटवारियों का काम शुरू कर दिया है।
पन्द्रह दिनों से प्रदेश के सभी पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण राजस्व विभाग का छोटे से लेकर बड़ा काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इस बीच राजस्व मंत्रालय से जिला प्रशासन की एक चिट्ठी ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को चिंता में डाल दिया है। जानकारी मिल रही है कि एक दिन पहले राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर की डांट फटकार के बाद नायब तसीलदार और तहसीलदारों ने बांटांकन, नामांकन, बी-1 और खसरा मुद्रण का काम शुरू कर दिया है। जबकि दो दिन पहले ही इन अधिकारियों के अलावा राजस्व निरीक्षकों ने पटवारियों का काम करने से साफ इंकार कर दिया था।
कनिष्ठ संघ ने जारी किया था फरमान
दो दिन पहले छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने पत्र लिखकर साथियों और जिला प्रशासन को बताया कि अभिलेख दुरुस्ती अभिलेख शुद्धता संबंधित पटवारियों काम नहीं करेंगे। यदि किसी कनिष्ठ संघ के अधिकारी ने अभिलेख दुरुस्ती में नक्शा बटांकन का कार्य किया तो उसके खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई होगी।
कनिष्ठ अधिकारियों के अनुसार नक्शा बटांकन का कार्य नहीं होने से अभिलेख दुरुस्ती की कार्यवाही पूर्ण नहीं होता है। किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि कोई भी तहसीलदार / नायब तहसीलदार रिकार्ड दुरुस्ती की कार्य न करें।
आरआई संघ ने भी लिखा पत्र
इसी तरह राजस्व निरीक्षकों ने भी पटवारियों से जुड़े काम करने से साफ इंकार कर किया है। प्रशासन को पत्र लिखकर आरआई संघ ने बताया कि व्यक्ति की आर्थिक स्थिति उनकी धारित कृषि / आवासीय भूमि जाति और वारिसानों की जानकारी क्षेत्रीय कर्मचारी होने के कारण संबंधित हल्का पटवारी को होता है। राजस्व अभिलेख पटवारियों के पास है। बिना अद्यतन जानकारी के सीमांकन / नक्शा बटांकन / बंदोबस्त त्रुटि सुधार संभव नहीं है। और ना ही राजस्व निरीक्षक आय, जाति, निवास सालवेंसी जैसे अन्य कार्य करने को तैयार हैं। यदि प्रशासन ने दबाव बनाया तो संघ अनिश्चित कालीन आंदोलन को मजबूर होंगे।
मुख्यमंत्री निशुल्क पट्टा वितरण योजना
जानकारी देते चलें कि 29 मई को राजस्व मंत्रालय ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को पत्र जारी किया है। बताया गया है कि राज्य में बी-1 और खसरों का मुद्रण कर सभी भूमिस्वामियों को निःशुल्क वितरण किया जाना है। सभी जिलों में जून महीने की निर्धारित तारीख को मुख्यमंत्री पट्टा वितरण करेंगे।
जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पटवारी, राजस्व निरीक्षक मुनादी कर खसरा, बी –1 वितरण कर र वितरण पंजी समय से पहले तैयार करें। संबंधित भूमिस्वामी के हस्ताक्षर भी प्राप्त करें।
घुड़की मिलते ही पेन्डिंग पर तहसीलदारों ने शुरू किया काम
शासन से पत्र जारी होने बाद जिला प्रशासन ने बैठक कर तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को तत्काल पटवारियों के कामकाज को संभालने का निर्देश दिया। साथ ही पेन्डिंग मामलों को जल्द से जल्द निराकरण करने का दबाव बनाया। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि आदेश का पालन नही होने की सूरत में सख्त कार्रवाई होगी।
कलेक्टर के फटकार से बिलासपुर समेत प्रदेश के अलग अलग तहसीलों के अधिकारियों ने पटवारियों की आईडी से काम धाम शुरू कर दिया है।