नेताओं पर फूटा गुस्सा जन आक्रोश चांपा मेंApplications will also be taken from chit fund investors on August 20, Public anger erupted in Champa

नेताओं पर फूटा गुस्सा जन आक्रोश चांपा में
चांपा विधानसभा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले तमाम नेताओं द्वारा स्वतंत्र चांपा जिले की मांग की अनु सुना कर समयांतर मैं छलावा करते रहने जाने से जनता का सब्र का बांध टूट गया है और एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा करते जा रहे हैं चांपा को स्वतंत्र जिला बनाएं कि दशकों पूर्व मांग है मध्यप्रदेश शासन काल में छापा को जिला बनाने जी जाने की घोषणा राजपत्र में घोषित किया जा चुका है लेकिन यहां मांग राजनीतिक भेंट चढ़ गई नागरिकों के साथ छलावा कर जांजगीर-चांपा को संयुक्त रूप से जिला घोषित कर जिला प्रशासन का आधा-आधा कार्यालय जांजगीर चांपा में बंटवारा कर चांपा की भोली-भाली जनता का मुंह बंद करा दिया गया समयांतर में भारी विरोध के कारण कुछ एक विभाग को छोड़कर एसपी ऑफिस समेत प्रमुख विभाग को जांगिड़ मुख्यालय स्थान तरित कर दिया गया इसका शेष स्थानीय नगर वासियों में आज भी है लेकिन पुनः जांजगीर-चांपा को 2 जिलों में विभक्त कर दिए जाने बाद चांपा की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से वह बहु प्रतिक्षित स्वतंत्र चांपा जिला मांग को अनदेखी कर दिया जाने से जिले के बड़े नेताओं के विरुद्ध जमकर आक्रोश व उबाल उठ खड़ा हुआ है चांपा की अस्मिता के साथ खिलवाड़ दशकों से चला आ रहा है नेताओं का राजनीति कल यही की राजनीति से चमका है लेकिन जब अपने शहर चांपा को चमकाने की बारी आई तो नेता केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता देकर चांपा की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया अब जनता के बीच नगर के हितों की रक्षा के लिए अपने लड़ाई अपने बलबूते लड़ने स्वतंत्र जिला व स्वतंत्र विधानसभा क्षेत्र की मांग नगर वासियों के बीच उठने लगी है। विभाजन होने के बाद अब चांपा में जन आक्रोश पनपने लगा है बड़े नेताओं पर जनता का गुस्सा फूटने के कगार पर है चांपा नगरपालिका किस जिले में शामिल होगा इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है शहर के लोग पिछली बार की तरह इस बार भी छला हुआ महसूस कर रहे हैं।