स्वास्थ्य/ शिक्षा

क्या हमारे स्वास्थ्य से लेकर सबकुछ बता देती है शरीर की गंध

हमारे शरीर की पांच इंद्रियों से अगर किसी इंद्री को सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है तो वह है हम इंसानों की घ्राण शक्ति यानि सूंघने की क्षमता. अध्ययन में बताते हैं कि हमारे शरीर की गंध (Body Order) हमारे स्वास्थ्य (Health) और खानपान (Diet) से लेकर काफी कुछ जानकारी देती है. बताया गया है कि व्यक्ति की गंध अलग अलग पहचानी जा सकती है और उसका संबंध इंसान के जीन्स तक से होता है. इतना ही नहीं यह गंध साथी, कॉस्मेटिक ,आदि का चुनाव करने में भी अहम भूमिका निभाती है.स्वास्थ्य के बारे में बहुत सारी जानकारी
ऑस्ट्रेलिया की मेक्वैरी यूनिवर्सिटी के ऑल्फैक्श और गंध मनोवैज्ञानिक मेमट मोमेट की अगुआई के अध्ययन में पाया गया है कि इंसान की गंध उसके स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से बता सकती है. मोमट का कहना है कि इससे यह भी पता चल सकता है कि व्यक्ति कौन कौन सी बीमारी से पीड़ित है. जैसे हैजा की गंध मीठी होती है और बहुत अधिक डायबिटीज की गंध सड़े हुए सेब की तरह. उनका मानना है कि यह हमारे भोजन तक के बारे जानकारी दे सकती है.

खानपान की ये आदत भी
मोमट ने बताया कि कुछ अध्ययन ऐसे भी हैं जो उनकी अध्ययन से विरोधाभास रखते लगते हैं, लेकिन उनके समूह ने यह पाया है कि इंसान जितना ज्यादा मांस खाता है उसके शरीर की गंध उतनी ज्यादा अच्छी महसूस होती है. इस अध्ययन में पाया गया है कि पुरुष को महिला के शरीर की गंध उसके मासिक चक्र के फोलीक्यूलर दौर के समय ज्यादा आकर्षक और अच्छी लगती है. अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन स्तर उनकी गंध को  बेहतर बना सकते हैं.

अनुवांशिकी की भूमिका
शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां गंध में हमारे खानपान और स्वास्थ्य का असर होता है, इस गंध को विशेष बनाने में हमारी अनुवांशिकी की भी भूमिका होती है. हमारे शरीर की गंध की विशेषता और सूंघने की क्षमता की सटीकता मिलकर टी शर्ट पहने समूह की टीशर्ट से मेल खा सकती है. शरीर की समान गंध के आधार पर अनजाने में ही कई लोगों मने अपनी जुड़वां टी शर्ट छांटी.

कॉस्मेटिक का चुनाव भी
पोलैंड की व्रोक्लॉ यूनिवर्सिटी की मनोवैज्ञिक एग्नीज्का सोरोकोव्स्का बताती है कि गंध से जैनेटिक जानकारी तक उपलब्ध हो सकती है. सोरोकोव्स्का और उनके सहयोगियों ने दर्शाया है कि किसी के व्यक्तित्व के बारे में उसकी खुशबुओं के चुनाव से पता लगाया जा सकता है. हम कॉस्मेटिक्स का चुनाव भी अनुवांशिकी आधारित गंध की प्राथमिकता के आधार पर करते हैं.

शादी से संबंध नहीं
कई शोधों सहित एक अध्ययन में पाया गया है कि गंध ऐसे साथी का चुनाव करने में मदद कर सकती है जिसके साथ अच्छी सेहत वाले बच्चे होने की संभावना होती है. इसका निर्धारण हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के खास किस्म के प्रोटीन से होता है जिन्हें एचएलए प्रोफाइल कहते हैं. जेनेटिक नजरिए से असमान एचएलए प्रोफाइल की जोड़े को बच्चा होना फायदेमंद माना जाता है. साथी का चुनाव करते समय महिलाएं खास तौर पर अवचैतन्य रूप से गंध का सहारा लेती हैं. लेकिन यह नियमित रूप से नहीं होता है. 3700 जोड़ों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि शादी करने के मामले में तो गंध की भूमिका नहीं होती है. एचएलए हमारे चुनाव को प्रभावित भी नहीं करते हैं.
इस अनिश्चितता पर शोधकर्ताओं का कहना है कि जहां तक शरीर के गंध का साथी के चुनने का मामला है हम जानते हैं कि हम इसे पहचान सकते हैं, लेकिन हम इसका उपयोग नहीं करते है. सोरोकोव्स्का का कहना है कि बहुत से लोगों के लिए यह अहम नहीं हैं और बहुत से लोग इसका उपयोग नहीं करते. मेमट का कहना है कि गंध का उपयोग कुछ घट गया है.

 

 

 

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