छत्तीसगढ़

कोडिया की 8 गर्भवती महिलाओं का हुआ पुंसवन संस्कार

 

पुंसवन संस्कार आध्यात्मिक टीकाकरण है- गायत्री

कोडिया की 8 गर्भवती महिलाओं का हुआ पुंसवन संस्कार

संस्कार शुद्धिकरण की प्रक्रिया है- आदित्य

उतई/दुर्ग: अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन पर गायत्री परिवार ट्रस्ट व शौर्य युवा संगठन आदर्श ग्राम कोडिया द्वारा आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
गायत्री परिवार ट्रस्ट व शौर्य युवा संगठन आदर्श ग्राम कोडिया द्वारा गायत्री मन्दिर में साप्ताहिक यज्ञ किया जाता है इस यज्ञ के माध्यम से कर्मकांड के साथ विभिन्न संस्कार भी कराये जाते हैं। इसी क्रम में इस सप्ताह ग्राम की आठ गर्भवती महिलाओं का सामूहिक पुंसवन संस्कार कराया गया। साथ ही उन्हें गर्भस्थ शिशु को उचित वातावरण एवं संस्कार देने के लिए संकल्प भी दिलाया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से दुर्गा निषाद, सुरेखा निषाद, पूर्णिमा साहू, हेमलता निषाद, मनीषा साहू, आमीन साहू, उमा मानिकपुरी, किरण यादव का पुसंवन संस्कार सम्पन्न कराया गया।
मां की पाठशाला प्रभारी गायत्री निषाद ने गर्भवती महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा पुंसवन संस्कार एक तरह का आध्यत्मिक टीकाकरण है जो आत्मा के मलिन संस्कारों से मुक्ति दिलाता है। प्राचीनकाल में हमारे ऋषि संस्कारों के माध्यम से भावी पीढ़ी को युग के अनुकूल बनाते थे। आज यह परम्परा फिर से तेज करनी होगी। इसमें धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के साथ साथ डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की बड़ी जिम्मेदारी है कि वे मेडिकल केयर के साथ पुंसवन संस्कार भी करवाए और महिलाओं को गर्भविज्ञान के बारे में समय समय पर जानकारी देते रहें।
शौर्य युवा संगठन के सचिव आदित्य भारद्वाज ने पुंसवन के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक महत्व पर जोर देते हुए कहा सामवेद में पुंसवन संस्कार का उल्लेख मिलता है। जब गर्भ जब दो-तीन महीने का होता है तब गर्भस्थ शिशु के पूरे विकास के लिए पुंसवन संस्कार किया जाता है। स्त्री के गर्भ में तीसरे महीने से शिशु का शरीर बनना शुरू हो जाता है जिसके कारण शिशु के अंग और संस्कार दोनों अपना स्वरूप बनाने लगते हैं। गर्भस्थ बच्चे पर माता-पिता के मन और स्वभाव का गहरा प्रभाव पड़ता है। संस्कार से मानव महामानव बन जाता हैं। संस्कार शुद्धिकरण की प्रक्रिया है जो मानव को अनगढ़ से सुगढ़ बनाकर व्यक्तित्व निर्माण में सहायक बनती है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में गायत्री परिवार ट्रस्ट कोडिया मुख्य ट्रस्टी उमेश साहू, यज्ञाचार्य गोवर्धन दीपक, मां की पाठशाला प्रभारी गायत्री निषाद, शौर्य युवा संगठन सचिव आदित्य भारद्वाज, सलाहकार जितेंद्र व दीपक यादव, ममता, आरती, लक्ष्मी, सिद्धि, डेविसा, जितेंद्र, परिधि, प्रकाश निषाद, गुमिता साहू, वेदिका, सुरभि, डॉली सहित गायत्री परिवार एवं शौर्य युवा संगठन के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।

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