जांजगीर

अनदेखी: 02 किलोमीटर सड़क पर 30 से ज्यादा स्पीड ब्रेकर, हादसे रोकने के बजाए अब ये ही साबित हो रहे जानलेवा

जांजगीर-चांपा: जिलेभर की विभिन्न सड़कों पर बने अनगिनत स्पीड ब्रेकर से लोग परेशान हो रहे हैं। कहीं-कहीं तो हालत यह है कि डेढ़ किलोमीटर में 27 ठोकर मिल रहे हैं। शहर के नजदीक ग्राम पंचायत पुटपुरा में पीडब्ल्यूडी विभाग ने डेढ़ किलोमीटर की सड़क बनाई है उसमें भी करीब 27 ब्रेकर बना दिया गया है। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। नई सड़क में भी 2 दर्जन से अधिक स्पीड ब्रेकर बन गए हैं। करीब 2 किलोमीटर की सड़क में 30 स्पीड ब्रेकर है। बिना मापदंड का इसे बनाया जा रहा है। सड़क पर स्पीड ब्रेकर शुरू हो जाते हैं। जिसके बाद से अन्य जगहों पर भी दर्जनों स्पीड ब्रेकर हैं। स्पीड ब्रेकर के चलते आए दिन दुर्घटना हो रही है। अधिकांश सड़कों पर ठोकरों की भरमार है। खासकर पुटपुरा गांव के ग्रामीण कदम कदम पर बने स्पीड ब्रेकर के कारण परेशान हैं। कई बार तो बाइक सवार ठोकर से अनियंत्रित होकर गिरकर जख्मी भी हो गए हैं।

*सड़क हो या गलियां हर जगह अवैध ब्रेकर*
मुख्य सड़क हो गांव की गलियां हो या ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें, हर सड़कों पर थोड़ी थोड़ी दूर पर बने स्पीड ब्रेकर को वाहनों की रफ्तार को ब्रेक देने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। लेकिन इसके कई नकारात्मक पहलू भी हैं। जो स्पीड ब्रेकर के निर्धारित मापदंडों के विपरीत और जरूरत से अधिक संख्या में बनाए जाने से उत्पन्न हुए हैं। टेडे ब्रेकर वाहनों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना है। ऐसे लोगों को दूरी तय करने में समय तो अधिक लग ही रहा है। साथ ही हमेशा दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।

*सड़क हो या गलियां हर जगह अवैध ठोकर*

मुख्य सड़क हो गांव की गलियां हो या ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें, हर सड़कों पर थोड़ी थोड़ी दूर पर बने स्पीड ब्रेकर को वाहनों की रफ्तार को ब्रेक देने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं लेकिन इसके कई नकारात्मक पहलू भी हैं। जो स्पीड ब्रेकर के निर्धारित मापदंडों के विपरीत और जरूरत से अधिक संख्या में बनाए जाने से उत्पन्न हुए हैं। गलत तरीके से बने ब्रेकर वाहनों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना है। ऐसे लोगों को दूरी तय करने में समय तो अधिक लग ही रहा है साथ ही हमेशा दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।

*स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए ये होना जरूरी*
मिली जानकारी के मुताबिक स्पीड ब्रेकर के निर्माण से पहले वहां ट्रैफिक का सर्वे किया जाता है। इस सर्वे के आधार पर यह जानकारी जुटाई जाती है कि जहां स्पीड ब्रेकर बनाए जाने हैं। वहां ट्रैफिक का प्रेशर कितना है। उसके आधार पर निर्माण की तकनीकी मोटाई मटेरियल के मापदंड तय होते हैं। साथ ही ड्राइवर को सचेत करने के लिए स्पीड ब्रेकर आने से 50 से 80 मीटर पहले एक चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए और निर्देशों के अनुसार इन पर पेंट भी होना चाहिए। जिन पर थर्मोप्लास्टिक बार मार्किंग होनी जरूरी है। स्पीड ब्रेकर का मुख्य मकसद गाड़ियों की रफ्तार को 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचाना है ताकि सड़क हादसों के खतरे कम किया जा सके। लेकिन बेतरतीब और अवैध ब्रेकर दुर्घटनाओं को रोकने के बजाय और बढ़ा रहे हैं। दो पहिया हो या चार पहिया वाहन इस सड़क पर वाहनों में सवार यात्रियों को पूरी यात्रा स्पीड ब्रेकर के कारण हिचकोले खाते हुए करनी पड़ती है। वैसे तो बच्चों के स्कूल जाने भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ब्रेकर जरूर है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर ऐसा किया गया है।

*ब्रेकर की ऊंचाई पर भी नहीं दिया जा रहा है ध्यान*

स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई के लिए मापदंड निर्धारित है लेकिन कई जगह इसका उल्लंघन हो रहा है। कहीं ईट रखकर उसके ऊपर पीसीसी ढलाई कर दी गई है तो जिससे ब्रेकर की ऊंचाई आठ 9 इंच तक हो गई है। ऐसे ब्रेकर खतरनाक स्थिति के संकेत दे रहे हैं। वही स्पीड ब्रेकर के पहले कोई इंडिकेट चिन्ह भी नहीं होता है। जिससे कई बार वाहनों को अचानक ब्रेक लेना पड़ता है। इससे असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। सड़कों में कई जगहों पर ऊंचे ऊंचे स्पीड ब्रेकर तैयार कर दिए गए हैं। इसे पार करने के दौरान वाहनों को मोटर गार्ड और इंजन टकरा जाते हैं। खासकर बाइक व कारों में ऐसी स्थिति होती है। पोल वाले ब्रेकर बिना ढलान के होते हैं। लिहाजा कई बार बाइक पलट भी जाती है।

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