तुर्रीधाम में श्रीमद भागवत कथा में पूज्य पंकजा और प्रज्ञा के सान्निध्य में हजारों लोगों ने किया अमृत कथा रसपान
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समाज में धार्मिक अथवा आध्यात्मिक कार्यक्रमों का सामूहिक आयोजन समरसता एवं सद्भाव का प्रतीक … अधिवक्ता चितरंजय
अंचल के विभिन्न संगठनों के सहयोग से प्रतिदिन विशाल सामूहिक भोग भंडारा के आयोजन ने मिसाल कायम किया।
धार्मिक अथवा कार्यक्रमों के सामूहिक आयोजन से समाज में समरसता एवं सद्भावना का वातावरण निर्मित होता है, यह बात उच्च न्यायालय के अधिवक्ता चितरंजन पटेल ने आज भगवान भोलेनाथ की पावन धरा तुर्रीधाम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस पर व्यासपीठ से आशीर्वाद लेते हुए आगे कहा कि भागवत कथा के इस आयोजन से पूरे अंचल में सामाजिक सद्भाव का वातावरण दिखाई दे रहा है जिसके लिए आयोजकों का प्रयास सराहनीय है।
कथा व्यास पीठ से पूज्या पंकजा जी एवम प्रज्ञा जी ने मधुर गीतों के साथ दिव्य अमृत कथा का रसपान कराते हुए बताया कि कथा श्रवण मात्र से ही व्यक्ति को प्रभु भक्ति प्राप्त हो जाती है।
भागवत कथा के अंतिम दिवस पर अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों ने कथा श्रवण करने के साथ ही भंडारे में अपना योगदान सुनिश्चित कर सामूहिक रूप से भोग प्रसाद ग्रहण किया।
आज की कथा में अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष चितरंजय पटेल, जिलाध्यक्ष दुलीचंद साहू, पुष्पेंद्र चंद्रा, विनोद साहू, पूर्व विधायक खिलावन साहू, रीना नरेश गेवाडिन, पत्रकार संघ के तपेश शर्मा, योम लहरे, उदय मधुकर, महेंद्र खांडे, किशोर न्याय बोर्ड के सुरेश जायसवाल, सरपंच लीलधर जायसवाल ने स्वयंभू शिव जी की संध्या पूजन व आरती में शामिल होकर व्यास पीठ का नमन करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।
भागवत कथा के आयोजन को सफल बनाने आयोजक शिव शक्ति सेवा समिति तुर्री धाम_खैरा_ बासिन के अध्यक्ष जय चौहान, उपाध्यक्ष सुख सिंह कंवर, सचिव पंचराम यादव, कोषाध्यक्ष राधेलाल, व्यवस्थापक अशोक कुमार यादव, संरक्षक मत्तू लाल यादव एवम सदस्यों का सराहनीय योगदान दिखाई दिया।