छत्तीसगढ़

राजीव गांधी भूमिहीन कृशि मजदूर न्याय योजना नगरीय क्षेत्रों के आदिवासी देव स्थलों में पूजा करने वाले भी होंगे पात्र पूजारी, बैगा, मांझी सहित अन्य लोंगो को भी मिलेगा लाभ

राजीव गांधी भूमिहीन कृशि मजदूर न्याय योजना
नगरीय क्षेत्रों के आदिवासी देव स्थलों में पूजा करने वाले भी होंगे पात्र
पूजारी, बैगा, मांझी सहित अन्य लोंगो को भी मिलेगा लाभ
15 अपै्रल तक कर सकेगे आवेदन
नारायणपुर, 06 अप्रैल 2023 – छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण नगरीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृशि मजदूरी पर निर्भर है। कृशि मजदूरी में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु सीमांक अथवा भूमिहीन कृशक हैं जिन्हे अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम एवं नगर पंचायत स्तर पर उपलब्ध होते है। ऐसे ही वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृश्टि से शासन द्वारा राजीव गांधी भूमिहीन कृशि मजदूर न्याय योजना का प्रारंभ किया गया है। चूंकि ग्राम पंचायत स्तर मे यह योजना 2021-22 से लागू की गई थी अब इसका विस्तार करते हुए 2023-24 में नगर पंचायत क्षेत्रों में भी प्रभावशील किया गया है।
हितग्राही परिवार के पात्रता अनुसार कट ऑफ डेट 1 अपै्रल 2023 से होगा। योजनांतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की होगी। ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत निवासरत भमिहीन कृशि मजदूर परिवार योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृशि भूमि माना जाएगा। अनुसूचित क्षेत्रो के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देव स्थल मे पूजा करने वाले जैसे पूजारी, बैगा, गुनिया, सिरहा, आठपहरिया, बाजा मोहरिया, कृशि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगे। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन से सामयिक भत्ता, आर्थिक सहायता, अन्य योजना मे प्राप्त करे रहे हैं वे पात्र नहीं होंगे। साथ ही ग्राम पंचायत एवं नगरपंचायत क्षेत्र के भूमिहीन कृशि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पूरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जूड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे यदि उस परिवार के पास कृशि भूमि नही है। कृशि भूमिहीन की सूची मे से परिवार के मुखिया के माता तथा पिता के नाम से यदि कृशि भूमि धारित है वह परिवार भूमिहीन परिवार के सूची से पृथक हो जाएगा।
अपात्रता हेतु दिशा निर्देश
इसके अलावा नगरपालिका के रहवासी परिवार, संवैधानिक पद धारण करने वाले, केन्द्र एवं राज्य शासन के किसी विभाग या इकाई में  सेवारत या सेवानिवृत शासन के अधिनस्थ, निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण में संविदा अस्थाई या स्थाई, दैनिक वेतन पर काम करने वाले कर्मचारी, साथ ही पूर्व एवं वर्तमान मंत्रियो, राज्य मंत्रियों और संसद या विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगरनिगम के पूर्व एवं वर्तमान महापौर, जिला पंचायतों के पूर्व एवं वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य, जनपद एवं ग्राम पंचायत का वर्तमान या पूर्व सरपंच-पंच, अध्यक्ष अपात्र होंगे। ऐसे पंेशन भोगी जो 10 हजार रूपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं या ऐसे परिवार जिन्होने पिछले असेसमेंट इयर मे आयकर भरा हो अथवा इंजिनियर, डाक्टर, वकील, चार्टड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य भी अपात्र होंगे।
पंजीयन की प्रक्रिया
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही परिवार को आवश्यक दस्तावेज तथा आधार नंबर, बैंक पास बुक की छायाप्रति के साथ आवेदन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सचिव ग्राम पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगरपालिका अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होगा। प्राप्त आवेदनों को ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा ग्रामवार और पंचायतवार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पास निर्धारित समय सीमा मे जमा करना होगा जहां पोर्टल में इसकी प्रविश्टि की जाएगी। आवेदन 15 अपै्रल तक ही किया जा सकेगा। योजना के तहत् प्रतिवर्श राशि रूपये 7000 पात्र चिन्हित हितग्राही परिवार के मुखिया को किस्तों में अनुदान सहायता राशि प्रदाय की जाएगी। यह राशि सीधे बैंक खाते मे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा होगी।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत आदिवासी देव स्थलों मे पूजा करने वाले 21 व्यक्तियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया।

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