छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

वेतन भत्ता सम्मानजनक देने सहित अन्य मांगों को लेकर दो आरक्षकों ने किया पीएचक्यू पैदल मार्च …दुर्ग पुलिस ने भिलाई में रोककर पुराने केस का हवाला देकर कर लिया गिरफ्तार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी लगाया प्रताडऩा का आरोप

भिलाई। दुर्ग पुलिस के दो आरक्षकों ने पहली बार हिम्मत दिखाते हुए वेतन भत्ता सम्मानजनक देने सहित अन्य मांगों को लेकर दुर्ग पटेल चौक से सिर में लोहे की पेटी और तख्ती पकड़कर नया रायपुर पुलिस हेडक्वार्टर पैदल मार्च करते हुए जा रहे थे। इन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी प्रताडऩा का आरोप लगाया है।

लेकिन यह सब पुलिस के अधिकारियों को नागवार गुजरा और पुराने केस का हवाला देते हुए इन दोनो आरक्षकों आरक्षक संजीव मिश्रा और उज्जवल दीवान ने को भिलाई के सेक्टर 5 चौक पर गिरफ्तार कर लिया। वैसे भी पुलिस प्रशासन में यूनियनबाजी पूरी तरह प्रतिबंधित है। पुलिस का कहना है कि दोनों के खिलाफ बीजापुर में अपराध दर्ज है। इसलिए गिरफ्तार कर उन्हें वहां की पुलिस के हवाले किया जाएगा।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर शोषण का आरोप
संजीव मिश्रा पिछले 13 सालों से पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में पदस्थ है। वर्तमान में वो पुलिस मुख्यालय में सीआईडी शाखा में पदस्थ है। उसका कहना है कि पिछले 13 सालों से वरिष्ठ अधिकारी लगातार पुलिस कर्मियों का शोषण कर रहे हैं। उन्हें प्रताडि़त कर यातना दे रहे हैं। उसने कहा कि 8 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में एडीजी हिमांशु गुप्ता को प्रमुख बनाया गया था। तृतीय और चतुर वर्ग के कर्मचारियों को उम्मीद थी की सरकार द्वारा कुछ बेहतर किया जाएगा और उनकी समस्याओं का निराकरण होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पुलिस कर्मचारियों को लगातार मिल रही है निराशा
उज्जवल दीवान का कहना है कि उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार से उम्मीद थी। पुलिस विभाग के तीसरे और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ के अंतिम बजट में भी कुछ नहीं मिला। पुलिस के जवान निराश हैं। उनकी मांगो को फिर से हाई कमान तक पहुंचाने के लिए वो लोग दुर्ग से रायपुर तक पदयात्रा करते हुए अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे थे। जिसके बाद उन्हें बीच रास्ते में ही रोक कर गिरफ्तार कर लिया गया।

45 बिंदुओं की मांग लेकर जा रहे थे रायपुर
उज्जवल दीवान ने बताया कि वो लोग 45 बिंदु का मांग पत्र लेकर राज्य सरकार को देने रायपुर जा रहे थे। उनकी मांगों को लेकर एक कमेटी भी बनाई गई थी, लेकिन सवा साल बीतने के बाद भी अब तक कोई सुविधा नहीं मिल पाई। उस आंदोलन आगे बढ़ाने के लिए उनके ऊपर गलत धारा लगाकर उन्हें जेल तक भेजा गया था। आज फिर एक बार वो अपनी मागों को लेकर सिर में पेटी लेकर पैदल निकले थे लेकिन दुर्ग पुलिस ने उन्हें हिरासम में ले लिया।

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