छत्तीसगढ़

संत लाल दास जी के हाथों रायपुर में भगवान झूलेलाल की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति का हुआ लोकार्पण॥ पूज्य संत युधिष्ठिर लाल जी ने भी दिया बधाई संदेश

संत लाल दास जी के हाथों रायपुर में भगवान झूलेलाल की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति का हुआ लोकार्पण॥ पूज्य संत युधिष्ठिर लाल जी ने भी दिया बधाई संदेश॥ भगवान झूलेलाल की 56 फीट की मूर्ति के उद्घाटन में उमड़ा जनसैलाब॥ पूज्य संत श्री साईं लालदास, धीरजलाल राम गिदलानी, अमित चिमनानी सहित कई वरिष्ठ जन हुए शामिल॥ मूर्ति निर्माण में विशेष सहयोग हेतु श्याम चावला, गिरीश लहेजा, विजय लहरवानी, विक्की झामनानी को मिला आशीर्वाद॥ सिंधी साहित्य अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष राम गिडलानी जी ने भीं सभी को बधाई संदेश दिया।

 

 

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.
रायपुर- न्यू राजेंद्र नगर रायपुर में सिंधी समाज के इष्टदेव भगवान झूलेलाल जी की 56 फीट की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति का लोकार्पण सिंधु अमर धाम के पीठाधीश्वर श्री साई लालदास जी के हाथों हुआ। पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ के पीठाधीश डॉ युधिष्ठिर लाल महाराज जी ने बधाई संदेश देते हुए कहा कि यहां पल गौरवान्वित करने वाला है धर्म से जुड़े बिना मानव सफलता को प्राप्त नही कर सकता अतः यह मूर्ति लोगो को धर्म से जोड़कर उनकी सफलता में सहायक बनेगा।

सिंधु अमर धाम के पीठाधीश संत श्री साईं लालदास जी के प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हम सबके लिए गौरव का विषय है कि हमारे इष्ट देव की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थापित हुई है यह छत्तीसगढ़ वासियों के लिए बेहद सुखद एवं सौभाग्यशाली पल है। इस विराट मूर्ति का दर्शन पाकर लोगों के दुख दूर होंगे एवं धर्म एवं संस्कृति से जुड़ाव बना रहेगा। पूज्य संत श्री लालदास जी ने इस विराट मूर्ति निर्माण हेतु विशेष सहयोग देने के लिए मुख्य रुप से श्याम चावला, गिरीश लहेजा, विजय लहरवानी, विक्की झामनानी सहित पूज्य पंचायतों को शाबाशी दी।

कार्यक्रम में पधारे पूज्य टेऊंराम दरबार के संत धीरज जी ने बधाई देते हुए सभी को भगवान झूलेलाल की आराधना से जुड़े रहकर स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देने की बता कही उन्होंने बताया कि जहां स्वच्छता होती है वहां ईश्वर का वास होता है ।

कार्यक्रम में विशेष तौर पर पधारे वरिष्ठ समाजसेवी अमित चिमनानी ने कहा भगवान झूलेलाल का अवतरण सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुआ था अतः यह स्थान पूरे विश्व में रहने वाले सनातन प्रेमियों के लिए आस्था का केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि जब अत्याचारी राजा मृक शाह के अत्याचारों से लोग परेशान हुए थे जब उन्हे इस्लाम कुबूल करने के लिए बाध्य किया जा रहा था तब लोगों ने 40 दिन दरिया किनारे उपवास रखकर जल देवता की आराधना की थी एवं उसके बाद भगवान झूलेलाल जी का अवतरण हुआ था व उन्होंने धर्म की रक्षा की व अपने चमत्कारों से इस्लामी राजा मृक शाह को परास्त किया था।

सिंधी साहित्य अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष राम गिडलानी जी ने भीं सभी को बधाई संदेश दिया।

कार्यक्रम में विशेष तौर पर पूज्य
गोदडीवाला धाम से पवन प्रीतवानी राम गिडलानी, अमित चिमनानी समाजसेवी, महेश रोहरा, परमानंद चिमनानी, राधा राजपाल, अजय छतरे त्रिलोकचंद चिमनानी, इंदर डोडवानी, प्रेम बिरनानी, नरेश भोजवानी, प्रेम प्रकाश मध्यानी, सुनील रामवानी, राजेश वाधवानी, प्रकाश पंजवानी, जीवत तोलवानी, पंचायत के महासचिव राजकुमार मंजर, सुनील रंगलानी, अनिल रूपचंदनी, मुकेश बजाज, राजकुमार पंजवानी, कैलाश बत्रा, सपना कुकरेजा सहित बड़ी संख्या में लोग माजूद रहे।

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