दोना-पत्तल के व्यवसाय से महिलाओं को मिला रोजगार, आय का भी बना जरिया, शहरी गौठान में महिला समूह ने खरीदी मशीन
भिलाई। भिलाई के शहरी गौठान में महिला स्व सहायता समूह दोना और पत्तल का निर्माण कर रही है। बकायदा इसके लिए महिलाओं ने लोन के माध्यम से मशीन खरीदा है। आसान किस्तों में इसकी राशि भी अदा की जा रही है, कुछ ही महीने में मशीन की पूरी किस्त महिलाओं के द्वारा चुका दी जाएगी और मशीन महिलाओं का हो जाएगा। दोना और पत्तल बनाने के लिए गौठान में एक कक्ष केवल इसी के लिए महिलाओं को दिया गया है जहां दोना और पत्तल का निर्माण का कार्य किया जा रहा है। प्रतिदिन कम से कम 2000 दोना और पत्तल बनाने के लक्ष्य को लेकर महिलाएं काम कर रही है। इस व्यवसाय को अपनाकर प्रगति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को आमदनी भी अच्छी प्राप्त हो रही है।
अब तक इसके व्यवसाय से 35000 रुपए की आमदनी महिलाओं को प्राप्त हुई है। प्रतिमाह की बात करें तो 5000 से 7000 के मध्य आय महिलाओं की हो जाती है। इस व्यवसाय से महिलाओं को रोजगार भी मिला है, वर्तमान में 6 महिलाएं इस कार्य में जुटी हुई है। दोना और पत्तल की सप्लाई ज्यादातर वैवाहिक आयोजनों में तथा धार्मिक स्तर पर होने वाले भंडारा आदि में हो रहा है।
कोसा नगर के शहरी गौठान में आकर लोग सीधे इस क्रय कर रहे है। गौरतलब है कि महापौर नीरज पाल एवं आयुक्त रोहित व्यास के निर्देश पर गौठान में विभिन्न प्रकार की आजीविका मूलक गतिविधियां अपनाई जा रही है। जिसके चलते महिलाओं को रोजगार के साथ ही आय की प्राप्ति भी हो रही है। महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मधु साहू तथा पूनम साहू ने बताया कि मार्केट से कम दर पर दोना और पत्तल उपलब्ध हो रहा है, इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है।
दोना और पत्तल बनाने के लिए कच्चे मटेरियल की खरीदी महिलाओं के द्वारा रायपुर से की जाती है। अलग-अलग पैकेट में जरूरत मुताबिक दोना और पत्तल तैयार किए जा रहे हैं, ताकि इस आधार पर आसानी से लोग अपने आवश्यकता के अनुरूप खरीदी कर सकें। शहरी गौठान में महिलाओं के पास 15, 50 तथा 100 की मात्रा के दोना और पत्तल के पैकेट भी उपलब्ध है।