छत्तीसगढ़

गोठान के हर्बल गुलाल से मनेगी बिलासपुर की होली॥ गोठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है हर्बल गुलाल, अब तक 10 किलो की हो चुकी है बिक्री॥ केमिकल रहित गुलाल से त्वचा को नहीं है कोई नुकसान

गोठान के हर्बल गुलाल से मनेगी बिलासपुर की होली॥ गोठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है हर्बल गुलाल, अब तक 10 किलो की हो चुकी है बिक्री॥ केमिकल रहित गुलाल से त्वचा को नहीं है कोई नुकसान॥

 

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.
बिलासपुर- नगर निगम के गोठानों में तैयार बिना केमिकल के हर्बल गुलाल से इस बार मनेगी शहर की होली। मोपका और सिरगिट्टी के गोठानों में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा इसे तैयार किया गया है। दोनों में गोठानों में अब तक 15 किलो हर्बल गुलाल तैयार किया गया है जिसमें से 10 किलो गुलाल बिक चुका है। लोगों की मांग को देखते हुए और गुलाल तैयार किया जा रहा है।

निगम के गोठान में प्राकृतिक और शुद्ध रूप से समय समय में
अलग-अलग उत्पाद तैयार किए जाते है। जैसे दीवाली के समय गोबर से बने दीये, कंपोस्ट। होली के अवसर पर समूह की महिलाओं द्वारा शुद्ध रूप से प्राकृतिक चीजों के मिश्रण से हर्बल गुलाल बनाया गया है। कुछ दिन पहले ही बने इस हर्बल गुलाल की मांग इतनी अधिक है की बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के ही 10 किलो गुलाल की बिक्री हो चुकी है। मोपका और सिरगिट्टी के गोठान से हर्बल गुलाल खरीदा जा सकता है या फिर +919340942346 नंबर पर संपर्क भी किया जा सकता है।

बिना केमिकल के प्राकृतिक चीजों से बना है हर्बल गुलाल

समूह की महिलाओं द्वारा बिना केमिकल के उपयोग किए प्राकृतिक रूप से अलग-अलग चीजों का मिश्रण करके हर्बल गुलाल तैयार किया गया है। आरा रोठ पाउडर, गुलाब जल, गुलाब पनखुड़ी गेंदा फूल, सेवती पनखुड़ी, नीम पत्ता, फुड कलर के मिश्रण से बनाया गया।

त्वचा को नुकसान से बचाएगा॥

होली में चेहरे पर केमिकल युक्त अबीर-गुलाल, कच्चा-पक्का रंग चढ़ता है। यह रंग त्वचा पर नुकसानदायक होता है। एलर्जी, इंफेक्शन जैसे रोग होने की आशंका होती है। इस होली इन रोगों से बचाव के लिए हर्बल रंग का इस्तेमाल करें। चिकित्सकों के अनुसार हर्बल रंग में केमिकल नहीं होता इसलिए त्वचा पर केमिकल से होने वाले दुष्प्रभाव नहीं होते। वहीं सुगंधित हर्बल रंग को निकालना भी आसान होता है।

मात्र 25 रूपये का है पैकेट॥

गोठान में तैयार हर्बल गुलाल की कीमत 25 रूपये पैकेट निर्धारित की गई है, 50 ग्राम गुलाल का एक पैकेट है। इसके अलावा चार पैकेट,आठ पैकेट और दस पैकेट के एक साथ बड़ी टोकरी भी खरीदी जा सकती है।

समूह की महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर॥

गोठान में कार्यरत महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल, गोबर से कंपोस्ट और अन्य कलाकृति निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया है,जिससे महिलाएं गुलाल और दीया जैसी उत्पाद बना रही हैं।
इन सामग्रियों के विक्रय से महिलाओं की जहां आय बढ़ रही है तो वहीं महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही है।

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