सुप्र्रीम कोर्ट और कलेक्टर के आदेश की दुर्ग जिले में उड़ रही है धज्जियां प्रतिबंध के बावजूद भी देर रात तक तेज आवाज में बज रहे हैं डीजे और लाउडस्पीकर
दुर्ग। पूरे प्रदेश सहित दुर्ग जिले में बोर्ड की परीक्षाओं की शुरूआत हो गई है। कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा ने तीन दिन पहले ही शादी विवाह व अन्य कार्यक्रमों व रेस्टारेंट व होटलें में माईक सहित सभी प्रकार के ध्वनि प्रदूषण पर रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है। उसके बावजूद भी बीएसपी का टाउनशिप हो या नगरीय निकाय या नगर पालिका क्षेत्र व नगर पंचायत का इलाका है वहां देर रात तक तेज आवाज में डीजे, लाउडस्पीकर में फिल्मी गाने फिल्मी अंदाज में लगातार देर रात तक बज रहे है, जिसके कारण परीक्षा दे रहे छात्रों व पालकों को काफी दिक्कतों का सामना करने पड रहा है और उनके पढाई पर विपरीत असर पड रहा है।
कलेक्टर के आदेश का पालन पुलिस प्रशासन को सख्ती से कराना चाहिए लेकिन वह भी रसूखदार व राजनैतिक दलों के आकाओं के सामने कोई भी कार्यवाही करने से बचती नजर आ रही है। अभी तक एक भी कोई बड़ा प्रकरण या कार्यवाही दुर्ग पुलिस द्वारा नही की गई है।
दुर्ग जिले के पुलिस कप्तान डॉ. अभिषेक पल्लव लगातार फेसबुक व सोशल मीडिया में लाईव के माध्यम से अनेकों कानून तोडऩे वाले लोगों के विरूद्ध बड़े बड़े खुलासे तो कर रहे हंै, अब देखना यह है कि डीजे वालों व तेज आवाज मे रात्रि में लाउडस्पीकर बजाने वालों पर कब गाज गिरेगी। सुप्र्रीम कोर्ट की भी ये गाईड लाईन है कि रात्रि 10 बजे के बाद यह नही बजेगा लेकिन दुर्ग जिले में सुप्र्रीम कोर्ट के साथ ही कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
किसी भी स्थिति में नही देना चाहिए शासन प्रशासन को परमीशन,
पहले शर्तो को मानते हुए लेते है परमीशन फिर तोड़ते है नियम
शासन का आदेश है कि विशेष परिस्थितियों में शादी विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए क्षेत्र के संबंधित एसडीएम व थानेदार से कम एम्पियर में डीजे व कम साउंड में लाउड स्पीकर बजाने का परमीशन लिये जाने का नियम है। लोग बकायदा आवेदन कर कम एम्पियर में डीजे व कम साउंड में लाउड स्पीकर बजाने की बात कह पहले परमीशन ले रहे है, उसके बाद यहां ये लोग अपनी मनमानी करते हुए अत्यधिक तेज आवाज में डीजे व लाउडस्पीकर बजाकर डांस और शोर गुल कर रहे है।
इसके कारण परेशान आस पास पड़ोस के लोग अपने बच्चों को परीक्षा का हवाला देकर जब डीजे व लाउडस्पीकर का आवाज कम कराने जाते है तो नशे की स्थिति में वहां युवा उनसे उलझ कर उल्टा गाली गलौच करना शुरू कर देते है। इसलिए पूरे परीक्षा काल तक शासन प्रशासन को किसी भी स्थिति में इसके लिए परमीशन नही देना चाहिए।