राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के आवेदन 1 सितम्बर से 30 नवम्बर तकPeople are getting benefit of basic facilities due to systematic development of cities- Agriculture Minister Shri Ravindra Choubey Agriculture Minister inaugurated and laid foundation stone of works worth Rs 3.35 crore in Devkar Application of Rajiv Gandhi Gramin Krishi Mazdoor Nyay Yojana from 1st September to 30th November

राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के आवेदन 1 सितम्बर से 30 नवम्बर तक
ग्राम पंचायतों में लिए जाएंगे आवेदन
भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को सालाना 6 हजार मिलेगा
देव यादव S S न्यूज़ बेमेतरा
बेमेतरा 24 अगस्त 2021-राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को संबल प्रदान करने के लिए 6 हजार रूपये सालाना अनुदान सहायता प्रदान की जायेगी। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से शुरू होने वाली इस योजना के तहत पंजीयन एवं आवेदन लेने का कार्य जिले में 01 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक किया जायेगा। संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव के पास आवेदन जमा कराना होगा। कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान ने जनपद पंचायत बेमेतरा, बेरला, साजा एवं नवागढ़ के सीईओ, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है। जिससे वास्तविक एवं जरुरतमंद हितग्राहियों को शासन की इस महती योजना का लाभ मिले।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी कार्य पर निर्भर है। मजदूरों को खरीफ के मौसम में तो पर्याप्त रोजगार मिल जाते हैं। लेकिन रबी के मौसम में कम क्षेत्राच्छादन होने के कारण मजदूरी के अवसर कम मिलते हैं। कृषि मजदूरी में संलग्न ग्रामीणों में ज्यादातार लघु, सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक परिवार हैं। राज्य सरकार द्वारा ऐसे वर्ग को सम्बल प्रदान करने के लिए इस साल से राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू की गई है। योजना का लाभ केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासी श्रमिकांे को मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त कृषि भूमि एवं वन अधिकार प्रमाण पत्र को भी कृषि भूमि माना जायेगा।
कलेक्टर श्री भोसकर ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक भी पात्र होंगे यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार से आशय उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है, जिसका कोई भी सदस्य कृषि भूमि धारण नहीं करता है। कृषि भूमि धारण नहीं करने का आशय अंशमात्र भी कृषि भूमि नहीं होना चाहिए। कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि है अर्थात उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह पात्र परिवार की सूची से पृथक हो जायेगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जायेगी। मजदूर परिवारों को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
जिलाधीश ने यह भी बताया कि योजना के अंतर्गत 01 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक ग्राम पंचायतों में आवेदन लिये जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईयां रिकार्ड के आधार पर बी-वन की प्रतिलिपि चस्पा की जायेगी ताकि भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके। इच्छुक आवेदक को आवेदन के साथ आधार नम्बर, बैंक पासबुक की छायाप्रति, मोबाईल नम्बर के साथ प्रस्तुत करना होगा। आवेदन की प्रविष्टि जनपद पंचायत स्तर पोर्टल में की जायेगी। तहसीलदार द्वारा इस सूची का सत्यापन किया जायेगा। इसके बाद यह सूची दावा एवं आपत्ति के लिए संबंधित ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में रखा जायेगा और दावा आपत्ति के निराकरण के बाद सूची को अंतिम माना जायेगा।
देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395