छत्तीसगढ़

सखी’’ वन स्टॉप सेंटर द्वारा 05 वर्षो में 793 प्रकरणों का किया गया निराकरण

सखी’’ वन स्टॉप सेंटर एवं महिला सेल के संयुक्त प्रयास से महिला को बिखरे परिवार से जोड़ा

‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर द्वारा 05 वर्षो में 793 प्रकरणों का किया गया निराकरण

कवर्धा, 07 फरवरी 2023। पति-पत्नि एवं परिवार के अन्य सदस्यों के मध्य छोटी-छोटी बातों पर हो रहे विवादों से परिवार टूटने की नौबत आ रही है। कई मामलों में विवाद बढ़ जाने पर पत्नी पति के साथ रहने अथवा पति द्वारा पत्नी के साथ रहने तक का मना कर दिया जाता है। जब ऐसे मामले ‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर के समक्ष आते है तो यहां परामर्श के उपरांत परिवार टूटने से बच जाता है।
थाना प्रभारी पांडातराई द्वारा 27 जनवरी 2023 को एक महिला को रात्रि लगभग 11 बजे आश्रय एवं महिला के उचित पुनर्वास के लिए लाया गया। महिला के पति द्वारा अवैध संबंध के शक करने लगा और युवक के परिजनो द्वारा युवक को अपने घर में बंद कर दिया गया एवं डायल 112 को बुलाया गया। महिला द्वारा लोक लाज के भय से स्वयं से जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया गया। महिला का स्वास्थ्य केन्द्र पंडरिया में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया, महिला के स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ। महिला अपने पति के साथ रहना चाहती थी, किंतु उसके पति द्वारा महिला को अपने साथ ले जाने एवं उसे स्वीकार करने के लिए इंकार किया गया। जिसके उपरांत महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर कवर्धा आश्रय एवं उसके उचित पुनर्वास के लिए लाया गया। ‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर कवर्धा एवं महिला सेल प्रभारी के संयुक्त प्रयास से महिला के पुनर्वास के लिए संयुक्त प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
सखी वन स्टॉप सेंटर कवर्धा में 02 फरवरी 2023 को महिला सेल प्रभारी तथा आश्रित महिला, उसके पति, पुत्र, दोनो पक्षों के परिजन तथा अन्य ग्रामवासी की उपस्थिति में काउंसलिंग किया गया।  आश्रित महिला के पति द्वारा काउंसलिंग के पूर्व में उसे अपने साथ ले जाने से इंकार किया गया। सखी वन स्टाप सेंटर एवं महिला सेल प्रभारी द्वारा महिला के पति को आश्रित महिला को अपने साथ रखने, उसके भरण-पोषण की व्यवस्था करने की समझाईश दिया गया। काउंसलिंग में आश्रित महिला के पुत्र द्वारा अपनी माता को साथ रखने की बात कही गई। सखी वन स्टाप सेंटर एवं महिला सेल प्रभारी द्वारा आश्रित महिला के पति को बच्चों के खातिर अपने वैवाहिक जीवन को मौका देने की समझाईश दी गई, जिससे वह सहमत देकर अपना स्वतंत्र कथन कर अपनी पत्नि को अपने साथ रखने, उसके भरण-पोषण की व्यवस्था करने की बात स्वीकार किया गया। इस तरह सखी वन स्टाप सेंटर एवं महिला सेल प्रभारी के संयुक्त प्रयास से महिला का परिवार बिखरने से बच गया। इस संबंध में महिला एवं उसके पति द्वारा ‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर एवं महिला सेल के संयुक्त प्रयास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उल्लेखनीय है कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही छत के नीचे अस्थायी आश्रय देने के साथ पुलिस, विधिक सहायता, चिकित्सा सुविधा, मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर 08 मार्च 2017 में प्रारंभ किया गया है। पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा प्रतिनियुक्ति आधार पर 03 महिला नगर सैनिक, 01 ए.एन.एम. एवं 01 पैरालीगल वॉलिन्टियर की सुविधा ली जा रही है। पिछले 05 सालों में ‘‘सखी’’ वन स्टॉप सेंटर के समक्ष कुल 834 मामले पहुचें व इनमें से 793 निराकरण किया गया है, जिस कारण 70 प्रतिशत निकराकरण का आंकड़ा पहुंच गया है। शेष लंबित प्रकरणों पर लगातार काउंसलिंग की कार्यवाही की जा रही है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से भी विभिन्न प्रकार के घरेलू हिंसा के प्रकरण सामने आ रहे है। घरेलू हिंसा के साथ दहेज प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना, प्रेम संबंध, दैहिक शोषण, धोखाधड़ी, साइबर अपराध, व्यक्तिगत विवाद, मानसिक विक्षिप्तता, टोनही प्रताड़ना, संपत्ति विवाद जैसे अनेक मामले सामने आए है।

Related Articles

Back to top button