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Michael Rubin on Operation Sindoor: ‘पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देकर जंग की शुरुआत की…अमेरिका को भारत का साथ देना चाहिए’ पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन का बड़ा बयान

Michael Rubin on Operation Sindoor: 'पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देकर जंग की शुरुआत की... / Image Source: ANI

वाशिंगटन डीसी: Michael Rubin on Operation Sindoor जम्मू के पहलगाम में हुई आतंकवादी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। इस हमले पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने आतंकवादियों के 9 ठिकानों के नेस्तनाबूद कर दिया है। वहीं, गुरुवार को पाकिस्तान के लाहौर, करांची सहित 9 शहरों में भारत की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। दूसरी ओर सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पठानकोट सेक्टर में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी वायु सेना के जेट को मार गिराया गया। वहीं अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है।

Michael Rubin on Operation Sindoor पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा है कि “पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देकर संघर्ष की शुरुआत की है, जबकि भारतीय आतंकवाद के शिकार थे। हालांकि मैं शुरू में इस बात की आलोचना कर रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देने में इतना समय लिया, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारतीय सेना सावधानीपूर्वक योजना बना रही थी और भारतीय सेना ने खुद को कहीं अधिक सक्षम दिखाया है। पाकिस्तान अपनी छवि बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा है। लेकिन असीम मुनीर को यह समझना चाहिए कि गड्ढा खोदने का पहला नियम यह है कि जब आप गड्ढे में हों, तो खुदाई करना बंद कर दें…। इस मुद्दे के कूटनीतिक समाधान को देखने के लिए केवल एक ही पैमाना हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को एक आतंकवाद समर्थक देश के रूप में नॉमिनेट किया जाना चाहिए।

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माइकल रुबिन ने आगे कहा कि ” संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले लश्कर-ए-तैयबा जैसे व्यक्तिगत आतंकवादी समूहों को चिन्हांकित कर दुनिया के सामने बेनकाब किया है, लेकिन पाकिस्तान को खुद आतंक का समर्थक देश घोषित नहीं किया है। अब समय आ गया है कि आतंकियों के तंबूओं को नामित करना बंद किया जाए और उसके सिर को नामित किया जाए। संयुक्त राज्य अमेरिका को स्पष्ट रूप से भारत का साथ देना चाहिए।”

 

उन्होंने आगे कहा कि ”किसी भी लोकतांत्रिक नेता का काम अपने नागरिकों की रक्षा करना है। हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम में अन्य लोग इस अहसास के लिए रैली कर रहे हैं कि सभी भारतीय खतरे में हैं। इसके शुरू होने से पहले, असीम मुनीर ने अपना लक्ष्य बता दिया। उन्होंने तर्क दिया कि हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ रहने में सक्षम नहीं होना चाहिए। इस मामले का तथ्य यह है कि वे भारत में सफलतापूर्वक एक साथ रहते हैं। पाकिस्तान में अब वे सफलतापूर्वक एक साथ नहीं रह पाते हैं, इसका एकमात्र कारण यह है कि पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से देश से बाहर निकाल दिया है।”

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रुबिन ने आगे कहा कि ”हर बार जब पाकिस्तान भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था, समाज या अपने नेतृत्व के मामले में आंतरिक रूप से विफल होता है, तो वह सरकार की विफलताओं से पाकिस्तानी लोगों का ध्यान हटाने के लिए अपने अल्पसंख्यकों पर बंदूक तानता है। यह एक असफल राष्ट्र की पूरी किताब है। सौभाग्य से, भारत के पास एक अलग किताब है, जिसमें सभी भारतीय फलते-फूलते हैं और अपने मुद्दों पर खुलकर चर्चा करते हैं।”

 

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