अनुराग और विराग दोनों एक साथ नहीं हो सकते : पंडित शर्मा,
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अनुराग और विराग दोनों एक साथ नहीं हो सकते : पंडित शर्मा,
कथावाचक ने सुनाई हरिवंश पुराण की कथा
देव यादव सबका संदेश न्यूज रिपोर्टर
नवागढ़। मिश्रा पारा नवागढ़ में चल रही हरिवंश पुराण की कथा में गुरुवार को पंडित बिसाहू प्रसाद शर्मा ने सृष्टि की रचना के प्रसंग का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि सबसे पहले भगवान श्री हरि विष्णु की नाभि से कमल के फूल पर बैठे ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई और भगवान श्री हरि विष्णु के आदेश के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की। उन्होंने मनु और सतरूपा की उत्पत्ति की। मनु और सतरूपा से पांच संतानें दो पुत्र और तीन कन्या हुईं। कथा व्यास ने बताया कि अनुराग और विराग दोनों एक साथ नहीं हो सकते। संसार के साथ अनुराग और संसार के साथ विराग संभव नहीं। भगवान से अनुराग और संसार से विराग संभव है। अतः गृहस्थ को चाहिए कि संसार से विराग कर भगवान में अनुराग करें। उन्होंने कहा कि सात का अर्थ सत्य है और सत्य केवल परमात्मा है, यह संसार मिथ्या है। इस संसार में रहने वाला मनुष्य जीवन में परमात्मा से नश्वर वस्तु को मांगता है और फिर दुख भोगता है। इस दौरान यजमान महेश मिश्रा, राजेंद्र मिश्रा, दारा मिश्रा, किशुन प्रसाद मिश्रा, विनोद मिश्रा, कृष्णकुमार मिश्रा, बबला मिश्रा, सुनील मिश्रा, दिनेश मिश्रा, बीरबल मिश्रा, पप्पू मिश्रा, विनय मिश्रा, कुंदन, जुठेल सिन्हा सहित भक्तजन उपस्थित रहे।
देव यादव सबका संदेश न्यूज रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395