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नारायणपुर हिंसा: आत्मरक्षा में ईसाई समुदाय ने उठाया कदम,

वही उत्पातियों ने एसपी समेत थाना प्रभारी को पहुचाया गंभीर चोट,

सर्व आदिवासी समाज समेत अन्य संगठनों ने किया किसी भी समर्थन से इनकार

नारायणपुर:- नारायणपुर जिले के एडका थाना अंतगर्त क्षेत्रो में कल हुए ईसाइयों के द्वारा हमला किये जाने के वजह से आज नारायणपुर जिले में बंद का आह्वाहन किया गया ।3 माह से चल रहे धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर ईसाई समुदाय के लोगो के साथ मारपीट,छेड़छाड़,घर मे घुसकर तोड़फोड़ और गाँव से निकालने की बात अब आम हो चुकी है।इसी तरह एडका थाना अंतगर्त गोर्रा गाँव मे ग्राम वासियो की बैठक चल रही थी जिसपर ईसाई धर्म को मानने वाले ग्रामीणों को बुलाकर बलपूर्वक जमकर मारपीट की गई।मारपीट करने वालो में बोरपाल निवासी लच्छुराम वड्डे,रामसाय कमेटी,घसिया उसेंडी,देसी सलाम,गोर्रा निवासी लच्छन उसेंडी,गणेश उसेंडी,बिसहू दुग्गा निवासी इरको ने शुद्धराम उसेंडी, जगदेर दुग्गा, जग्गू राम दुग्गा, जय लाल दुग्गा, रानी दुग्गा, सोमनाथ सलाम सोनू कावड़े मंगल सिंह उसेंडी मनौती सलाम गडवे उसेंडी,जुन्नु राम दुग्गा, बहादुर ध्रुव और सुरेश कुमार कुमेटी से जमकर मारपीट की जिसकी खबर किसी अन्य के द्वारा ईसाई समुदाय के अन्य लोगो को मिली।जिसपर बीच बचाव करने पून्नु दुग्गा अपने अन्य लोगो के साथ बैठक स्थल पहुचे जहाँ पर उपस्थित इन लोगो के द्वारा ईसाई समुदाय के लोगो के साथ भी चाकू डंडे कुल्हाड़ी से मारने की विफल कोशिश की जिस पर अपनी जान बचाते हुए पीड़ित पक्ष में भी मारपीट की।परन्तु इसके विपरीत मामला बढ़ने लगा।मामले की जानकारी लगते ही एडका थाना प्रभारी जोशी भी घटना स्थल पहुचे और बीच बचाव करने लगे जिसपर उन्हें भी पैर में गंभीर चोटें आई।

 

नारायणपुर एसपी भी हुए गंभीर रूप से घायल

 

इस घटना से आक्रोशित होकर सैकड़ो अन्य लोग आज नारायणपुर मुख्यालय पहुचे जहाँ पर मिशनरी संस्था द्वारा संचालित विश्वदीप स्कूल और चर्च पहुचे जहाँ पर ये तोड़फोड़ करने लगे जिस पर अपने दल बल के साथ तैनात एस पी सदानंद कुमार ने पहले समझाइश देकर माहौल शांत करवाया जिसपर कुछ लोग वापस जाने भी परन्तु कुछ उत्पातियों द्वारा एसपी सदानंद और अन्य पुलिस कर्मियों के ऊपर पथराव करने लग गए जिससे एसपी सदानंद कुमार के सर पर गंभीर चोट लगी जिससे वे लहूलुहान हो गए।भीड़ को तीतर बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना भी पड़ा।

सर्व आदिवासी समाज ने की घटना की निंदा वही बताया कि इस प्रकार की घटना में सर्व आदिवासी समाज का समर्थन कभी नही

 

 

वही इस बड़े मामले से क्षुब्ध होकर सर्व आदिवासी समाज भी सामने आया और घटना की निंदा करते हुए इस प्रकार की किसी भी घटना में सर्व आदिवासी समाज का समर्थन नही होना बताया।

परन्तु सबसे बड़ा सवाल यह है कि विगत 4 माह से इतनी सारी घटनाएं हुई पर फिर भी न ही आदिवासी समाज का कोई बयान आया और न ही गोंडवाना समाज का।

 

समय रहते हो जाती कार्यवाही तो आज इतनी बड़ी घटना नही होती घटित

 

विगत 4 माह से लगातार इसी प्रकार की घटनाएं 6 दर्जन से अधिक घटी और इसकी शिकायत सिर्फ कागजी कार्यवाही के रूप में थानों में दर्ज होती रही परन्तु कुछ मामलों में ही मामूली धाराओं में चुनिंदा नामजद एफ आई आर ही दर्ज की गई जिसपर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई जिसका परिणाम आज इतना विध्वंस निकला।

 

बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत अन्य लोगो का नाम आया सामने

 

इन सभी मामलों में बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत कई अन्य नाम भी सामने आए है जिसकी शिकायत पूर्व में भी की जा चुकी है परन्तु ये सभी शिकायत सिर्फ थानों के कार्यालयों में धूल खा रही है जिसका परिणाम यह हुआ कि आज उपद्रवियों के मनोबल इतना बढ़ चुका है कि पुलिस कर्मियों तक को मारने पीटने से बाज़ नही आ रहे।अब देखना यह लाज़िमी होगा कि इतने बड़े घटनाओं के बाद पुलिस अब किस प्रकार की कार्यवाही दोषियों के विरुद्ध करती है।

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