Crime

दृश्यम’ देख 2 भाइयों ने कर दी पिता की हत्या, सबूत मिटाने के लिए लाश को ऐसे लगाया ठिकाने

 

पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने सबूतों को खत्म करने के लिए शव को ‘फरसान भट्टी’ में जला दिया 

 

पुणे. हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर खासी सफल रही ‘दृश्यम’ फिल्म से सीख लेते हुए दो युवकों ने अपने 43 साल के पिता की हत्या कर दी और उसके शरीर को जला दिया. पिंपरी-चिंचवाड़ पुलिस ने इस अपराध को अंजाम देने के 8 दिन बाद शुक्रवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान धनंजय नवनाथ बंसोडे के रूप में की गई है, जो एक होटल चलाता था. धनंजय मुख्य रूप से एक तली हुई नमकीन ‘फरसान’ बेचता था. 15 और 16 दिसंबर की दरमियानी रात धनंजय के दो बेटों ने लोहे की रॉड से उस वक्त उसकी हत्या कर दी, जब वह सो रहा था.आरोपियों की पहचान कंप्यूटर इंजीनियरिंग कॉलेज में द्वितीय वर्ष के छात्र सुजीत धनंजय बंसोडे (22) और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले अभिजीत धनंजय बंसोड़े (18) के रूप में हुई है. मूल रूप से मलयालम में बनी और बाद में हिंदी में बनी फिल्म दृश्यम को देखने के बाद दोनों भाइयों ने कथित तौर पर हत्या की साजिश रची. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने सबूतों को खत्म करने के लिए लाश को ‘फरसान भट्टी’ में जला दिया. जिसका इस्तेमाल फरसान नमकीन बनाने के लिए किया जाता था. पुलिस ने कहा कि मारे गए शख्स का नागपुर की एक महिला के साथ विवाहेतर संबंध में था. इससे उसकी पत्नी और दो बेटों के साथ अक्सर बहस होती थी. इसलिए दोनों भाइयों ने अपने पिता को मारने का फैसला किया.पुलिस ने बताया कि 15 दिसंबर को जब धनंजय नवनाथ बंसोडे रात में सो रहा था, तो उसके बेटों ने लोहे की रॉड से मारा और तकिए से गला दबा कर उसकी हत्या  कर दी. बाद में उन्होंने शव को भट्टी में जला दिया और राख और हड्डियों को इंद्रायणी नदी के किनारे फेंक दिया. जांच को गुमराह करने के लिए संदिग्ध आरोपियों ने 19 दिसंबर को म्हालुंगे पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की एक रिपोर्ट दर्ज कराई. आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूत को गायब करना, या अपराध के बारे में गलत जानकारी देना) और 34 (समान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कार्य) के तहत गिरफ्तार किया गया है.

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