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रामानुजन के जन्म दिवस के अवसर पर विद्यालय में मनाया गया गणित दिवस

जांजगीर चांपा- महान गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिवस को गणित दिवस के रूप में 2012 से लगातार मनाया जा रहा है और इस मौके पर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 2 जांजगीर में गणित के साथ-साथ विज्ञान प्रदर्शनी मेला का आयोजन किया गया।
इस विज्ञान प्रदर्शनी मेला में विद्यालय के सभी छात्र छात्राओं द्वारा भाग लिया गया। विज्ञान,गणित, भौतिकी, अंग्रेजी, रसायन, हिंदी और संस्कृत इन सभी विषयों पर छात्र-छात्राओं द्वारा वर्किंग और नॉन वर्किंग मॉडल्स बनाए गए।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डाइट जांजगीर के सहायक अध्यापक एम आर चंद्रा और केसरी शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य रेखा तिवारी उपस्थित रहे। साथ ही इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य जी पी चौरसिया द्वारा किया गया।

विद्यालय के ही वरिष्ठ गणित के व्याख्याता रोशन नेमी ने गणित की प्रासंगिकता को बताया साथ ही श्रीनिवास रामानुजन जी के जीवन संघर्ष के बारे में भी उन्होंने बात की।

विद्यालय के ही शिक्षक व कवि सतीश सिंह ने गणित विषय को बड़े सुंदर ढंग से साहित्य से जोड़ा व साहित्य में कई ऐसे उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किए जो गणित की प्रासंगिकता को बयान करते है। कई सालों को और कविताओं के माध्यम से उन्होंने बताया कि कैसे गणित की उपयोगिता हर दूसरे क्षेत्र में हैं। बिना गणित और विज्ञान के आज हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रेखा तिवारी ने इस मौके पर विद्यार्थी विद्यार्थियों को गणित की उपयोगिता और साथ में अध्ययन अध्यापन के लिए जरूरी निर्देश दिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमआर चंद्रा ने बताया कि भारत में शून्य की खोज हुई और रामानुजन के जीवन परिचय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला और बताया कि उनका जीवन संघर्ष भरा था, आर्थिक स्थिति उनकी अच्छी नहीं होने के बावजूद लगातार संघर्ष किया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने आप को साबित किया और आज के दिन उनको पूरी दुनिया में एक महान गणितज्ञ के रूप में जाना जाता है। कविताओं के माध्यम से भी उन्होंने गणित की प्रासंगिकता को सामने रखा।

विद्यालय के प्राचार्य जीपी चौरसिया ने अपने उद्बोधन में कहा की हर एक व्यक्ति को अपनी विशेषताओं को समझने की जरूरत है और उसके लिए आगे काम करने की जरूरत है। साथ ही गणित विषय और दैनिक जीवन में किस तरीके से उनको क्रियान्वित किया जाए इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के व्याख्याता सैयद रफीक के द्वारा किया गया जिन्होंने बताया कि श्रीनिवास रामानुजन को गणित में ही रुचि थी। वह हमेशा गणित पर ज्यादा ध्यान देते थे और दूसरे विषय में उस तरीके से ध्यान नहीं देते थे जिसकी वजह से 11वीं कक्षा में वह फेल भी हुए थे। बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने गणित के क्षेत्र में यह मुकाम हासिल किया और गणित के क्षेत्र में वे उतने ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं जितने भौतिकी के क्षेत्र में सर आइजैक न्यूटन स्थान रखते हैं।

इस तरीके का आयोजन विद्यार्थियों में सृजनात्मकता रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करता है जिससे विद्यार्थी अपना सर्वांगीण विकास करते हैं और समाज विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं ऐसे आयोजन विद्यालय के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं पालकों के द्वारा विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए सभी वर्किंग और नॉन वर्किंग मॉडल्स का अवलोकन किया गया। अवलोकन कर्ताओं ने बच्चों के साथ उस मॉडल को लेकर संवाद किया बहुत सारे प्रश्न किए जिसका उत्तर बच्चों ने बखूबी दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थी जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया था उन को पुरस्कार स्वरूप मेडल प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम के सफल बनाने हेतु विद्यालय की उप प्राचार्य मधु नायक व व्याख्याता लक्ष्मीकांत शर्मा, जीपी कौशिक, रमेश पांडे, आरती तिग्गा, मीना पांडे, चौबे जी, त्रिवेदी जी, सुरेश राठौर, संदीप राठौर, नेहा मिश्रा, प्रीतिका तरुण, सोनल दीवान, प्रियंका तिवारी, प्रेरणा शर्मा, लता तिवारी, विकास पांडे, प्रभालता राठौर , कृष्णकांत राठौर, वैभव शर्मा, सुनीला साहू, अन्नपूर्णा राठौर, पूजा दुबे, देवांगन जी, हॉस्टल सुपरीटेंडेंट सृष्टि तिवारी व भूपेंद्र, नीरज, सम्भूमति, पिंटू एवं विद्यालय में उपस्थित पालकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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