आईसीएआई के खिलाफ देशभर में एकजुट हुए सीए स्टूडेंट्स,
एग्जाम कॉपियां सही से जांचने की मांग
भिलाई। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, आईसीएआई के
खिलाफ दुर्ग-भिलाई, रायपुर सहित देशभर के सीए स्टूडेंट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन स्टूडेंट्स की मांग है कि आईसीएआई की ओर से सीए परीक्षाओं की कॉपियां सही से जांच नहीं की जाती हैं। आईसीएआई की एग्जाम कॉपियां जांचने की प्रणाली से
हजारों सीए स्टूडेंट्स नाखुश हैं। पिछले दो दिन से आईसीएआई के खिलाफ राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में छात्रों ने सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में भाग लेने दुर्ग और भिलाई से भी सैकड़ों असंतुष्ट और नाराज छात्र दिल्ली पहुंचे है।
इन छात्रों का कहना है कि पिछले महीने आए सीए फाइनल रिजल्ट में करीब 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स की कॉपियां चेक करने में गड़बड़ी पाई गई थी। उन्हें इसके खिलाफ ऑब्जेक्शन उठाने का अधिकार तक नहीं है. सीए स्टूडेंट्स की मांग है कि आईसीएआई सीए परीक्षाओं की कॉपियां जांचने में पारदर्शिता लाए और एक सही प्रणाली विकसित करे, ताकि हजारों स्टूडेंट्स के करियर के साथ खिलवाड़ न हों।
सीए फाइनल की तैयारी कर रहे छात्र प्रतीक वालिया का कहना है कि आईसीएआई सीए स्टूडेंट्स की कॉपियां सही तरह से चेक नहीं कर रहा है। रिजल्ट आने के बाद जब स्टूडेंट्स ने अपनी कॉपियां देखने के लिए मंगाई तो उसमें पाया गया कि करीब 500 से ज्यादा कॉपियां सही से चेक नहीं की गईं। स्टूडेंट्स ने पेपर में प्रश्नों का सही जवाब दिया फिर भी उनके माक्र्स काटे गए। रिचेकिंग की सुविधा नहीं होने की वजह से सीए स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कापियां सही नही जांचने का यह है कारण
ं सीए फाइनल स्टूडेंट रोनक रांका का कहना है कि सीए परीक्षाओं की कॉपियां इंस्टीट्यूट से बाहर चेक होने जाती हैं। प्रैक्टिस कर रहे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ये कॉपियां चेक करते हैं। इस दौरान आईसीएआई द्वारा निगरानी नहीं रखी जाती है। कई बार तो कॉपी चेक करने वाले सीए खुद अपने आर्टिकलशिप कर रहे छात्रों से ही एग्जाम कॉपियां चेक करवा देते हैं। जिससे गलतियां होना लाजमी है। इनका कहना है कि रिजल्ट आने के बाद यदि किसी स्टूडेंट को लगता है कि उसके नंबर कम आए हैं तो वह रिटोटलिंग के लिए अपनी कॉपी दोबारा भेज सकता है. रिटोटलिंग के दौरान सिर्फ माक्र्स की दोबारा जांच की जाती है, कॉपियों की रिचेकिंग नहीं होती है. साथ ही यदि
किसी स्टूडेंट को लगता है कि उसकी कॉपी सही से चेक नहीं की गई है तो उसे ऑब्जेक्शन उठाने का कोई अधिकार नहीं है। इनकी मांग है कि अन्य बोर्ड परीक्षाओं की तरह आईसीएआई भी अपने इंस्टीट्यूट के अंदर ही कॉपी चेक करने की व्यवस्था बनाए. ताकि सीए स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।