महादेव ऑन लाइन सट्टा की कार्रवाई में हो रहे हैं कई बड़े खुलासे नसीम के पास से 22 बैंक खाते जब्त, 6 करोड़ से अधिक का हुआ है लेन-देन
भिलाई। दुर्ग पुलिस ने पूरी तरह ठान लिया है कि महादेव ऑन लाइन सट्टा को पूरी तरह बंद करवा कर रहेंगे। इसलिए दुर्ग पुलिस इस मामलें में अपनी कार्यवाही तेज कर दी है और जैसे जैसे कार्रवाई तेज हो रही है वैसे-वैसे इसमें कई बड़े खुलासे भी हो रहे थे। और बडे बडे लोगों का नाम भी सामने आ रहा है। इसी कार्यवाही में दुर्ग पुलिस को एक ऐसा आरोपी हाथ लगा है जिसका सीधा संबंध दुबई में बैठे महादे एप के संचालक सौरभ चंद्राकर से हैं।
वह आरोपी कोई और नहीं बल्कि खुद सौरभ चंद्राकर का चाचा और भिलाई नगर निगम का पंप ऑपरेटर दिलीप चंद्राकर है। इसका खुलासा पकड़े गए महादेव सट्टा खाईवाल आम्रपाली रेसीडेन्सी जामुल निवासी और मेडिकल स्टोर संचालक नसीमुद्दीन उर्फ नसीम ने किया।
दुर्ग पुलिस ने नसीम को गिरफ्तार कर कई छुपे राज से पर्दा उठाया।
पुलिस ने नसीम के पास से 22 बैंक खाते जब्त किया है। इसमें से उन्हें 6 करोड़ से अधिक के लेन-देन का पता चला है। इसके साथ ही उसके पास से 1 लैपटॉप, 2 मोबाईल, 5 चेकबुक, 1 पासबुक और 2 एटीएम कार्ड बरामद किया है। नसीम ने पुलिस को बताया है कि निगम का पंप ऑपरेटर दिलीप चंद्राकर ने उसे महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर का नंबर दिया था। उसने ही सौरभ से बात करवाकर उसे महादेव की आईडी दिलवाई थी।
इसके बाद से नसीम ऑनलाइन सट्टा खाईवाली के दलदल में पूरी तरह से कूद गया। उसने न सिर्फ अपने पास 5 महादेव की आईडी अलग-अलग शहरों में पैनल चलाने के लिए रखीं, बल्कि 10-15 लोगों को आईडी दिलवाई भी। उसके पास कार्पोरेट अकाउंट भी मिला है, जिसमें कई करोड़ के ट्रांजेक्शन का हवाला मिला है। पुलिस ने नसीम के फोन से कई आडियो क्लिप बरामद की है, जिसमें उसने न सिर्फ महादेव की आईडी चलाने की बात सौरभ से की है, बल्कि जिन लोगों ने सौरभ चंद्राकर का पैसा नहीं दिया उनसे वसूली करके देने का भी वादा किया है।
उसमें उसने यह भी उसने पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर पत्रकारों तक को सेट किया है। छत्तीसगढ़ में महादेव आईडी चलाने में अब कोई दिक्कत नहीं आएगी।
क्रिमनल के साथ मिलकर वसूली गैंग बनाने की थी तैयारी भिलाई के चर्चित महादेव हत्याकांड में संलिप्त तपन सरकार के सहयोगी राजू खंजर के साथ मिलकर नसीम एक वसूली गैंग बनाने जा रहा था।
जिसने भी अब तक महादेव पैनल चलाया और सौरभ चंद्राकर का पैसा नहीं लौटाया या गद्दारी करके दबा लिया उससे वो लोग रुपए की वसूली करके वह पैसा सौरभ चंद्राकर को भेजते।
उक्त जानकारी आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने दी। एसपी डॉ. पल्लव ने आगे बताया कि यदि ये गैँग बन जाती तो जिले में लॉ एंड आर्डर की स्थिति निर्मित हो जाती।
दूसरी बार पकड़ाया है नसीम, बड़ी धारा के तहत कार्रवाई
नसीम इससे पहले भी महादेव पैनल चलाने के आरोप में कोहका से गिरफ्तार हुआ था। पुलिस ने उसके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इससे वो जमानत से बाहर आ गया। इसके बाद उसने फिर से वहीं काम शुरू कर दिया।
दूसरी बार पैनल चलाते हुए पकड़े जाने के बाद भी दुर्ग पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी जैसी गंभीर धारा के तहत कार्रवाई की है। एसपी दुर्ग का कहना है कि अब वो जितने भी मामले पकड़ेंगे उनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई करेंगे।
बताया पैनल बिकवाने में सहयोग करने वालों के नाम
नसीम ने बताया कि सौरभ चंद्राकर का चाचा दिलीप चंद्राकर मध्यस्थता करके महादेव की आईडी दिलवाता था। इसके साथ ही भिलाई के अपूर्व, मनोज और पारस पैनल बिकवाने के लिए ग्राहक की तलाश करते थे। इस काम में राजू खंजर का नाम आ जाने से इसमें मर्डर होने तक की आशंका जताई जा रही थी।