छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

नगर सेवाएँ विभाग में राजभाषा प्रतियोगिता सह कार्यशाला का हुआ आयोजन

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ भवन सभागार में गत दिवस ‘राजभाषा प्रतियोगिताÓ एवं ‘लेखन तथा प्रस्तुति कौशल के विकासÓ पर कार्यशाला का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबन्धक नगर प्रशासन एवं निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व  एस वी नन्दनवार थे। उन्होंने कहा कि ऐसे विषय जिन पर सामान्यत: सभी लोग अपने विचार व्यक्त कर सकते हों, इन पर प्रतियोगिताएँ आयोजित कर अधिकाधिक लोगों को राजभाषा में कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। साथ ही ऐसे विषयों पर लेखन एवं प्रस्तुतिकरण के लिए विशेषज्ञ उद्बोधन के माध्यम से प्रभावकारी जागरूकता लायी जा सकती है।
कार्यक्रम का प्रारंभ सहायक महाप्रबन्धक एवं हिन्दी समन्वय अधिकारी यशवन्त कुमार साहू ने स्वागत उद्बोधन एवं भूमिका प्रस्तुति किया। अनुभाग अधिकारी मुकुन्द दास मानिकपुरी ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उसके पश्चात ‘मेरी प्रिय पुस्तकÓ विषय पर स्वलेख पठन प्रतियोगिता हुई। विषय विशेषज्ञ द्वय के रूप उप महाप्रबन्धक सतर्कता अनिकेत ओझा एवं सहायक प्रबन्धक राजभाषा जितेन्द्र दास मानिकपुरी मौजूद थे।

द्वितीय सत्र में निबन्ध प्रतियोगिता के सम्पादन स्तर पर अनिकेत ओझा ने विशेषज्ञ उद्बोधन दिया एवं स्वलेख पठन प्रतियोगिता की प्रस्तुति पर जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने विशेषज्ञ उद्बोधन दिया। उपस्थितों ने भी अपना बहुमूल्य मंक्तव्य रखा। अन्तिम सत्र में विषय विशेषज्ञों को प्रतीक भेंट से सम्मानित किया गया एवं विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। निबन्ध लेखन में प्रथम पुरस्कार- मीनाक्षी मोहन अय्यर शिक्षा विभाग, द्वितीय- इन्दु दुबे आवास, तृतीय-सन्तोष गोंड प्रवर्तन, विशेष प्रोत्साहन-केदारनाथ सोनबेर शिक्षा, प्रोत्?साहन-उत्तम भाई पटेल दुकान, प्रोत्साहन-अनज बनर्जी आवास-लायसेंस, प्रोत्साहन- समरजीत दत्ता राजस्व) ने प्राप्त किया।

स्वलेख प्रस्तुति प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार-डॉ शीतल चन्द्र शर्मा शिक्षा, द्वितीय- वाय उमाशंकर नगर वास्तु योजना, तृतीय- आलोक ताम्रकार आवास-लायसेंस, विशेष प्रोत्?साहन- मुकुन्द दास मानिकपुरी समन्वयन), प्रोत्साहन- देवानन्द चौहान प्रवर्तन, प्रोत्साहन- इन्दु दुबे आवास, प्रोत्साहन- केदारनाथ सोनबेर शिक्षा ने प्राप्त किया। मुकुन्द दास मानिकपुरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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