एहतियात बरतकर एचआईवी को मात देने विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता का दिया संदेश
न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज के छात्रों ने रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र में नुक्कड़ नाटक का किया आयोजन
*बिलासपुर।* विश्व एड्स दिवस पर गुरूवार को न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज सकरी की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर में एड्स के संबंध में जगरूकता के तहत एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें लोगों को जानकारी दी गई है । इस नाटक में एड्स कैसे फैलता है, उसके रोकथाम और इसके संबंध में जो भी भ्रांतियां है उनसे लोगों को अवगत करवाया गया । इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. लक्ष्मिकांत कश्यप और डॉ. आंचल प्रधान के द्बारा कॉलेज के छात्र छात्राओं के साथ किया गया। एड्स के कारण, मरीज की देखभाल सहित अन्य चीजों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नाटक में किसी तरह लोग अपना घर छोड़ कर बाहर कमाने के लिए जाते है और उधर से एड्स लेकर आते है, एड्स कैसे होता, कैसे बचाव किया जा सकता है इस पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया. डॉ. आंचल ने बताया कि एड्स का कोई इलाज नहीं है। सभी को यह समझने की जरूरत है कि जागरूकता एवं इस बारे व्यापक जानकारी ही एचआइवी एवं एड्स से बचे रहने का एकमात्र उपाय है। एचआईवी-एड्स से सिर्फ जागरूकता से ही बचा जा सकता है।जागरूक रहकर ही इस लाइलाज बीमारी से बचाव संभव है, इसलिए लोग जागरूक रहें। एचआईवी-एड्स फैलने के कारण, बचाव की जानकारी सभी को होनी चाहिए। इसके अलावा अन्य लोगों में भी इस जानकारी का आदान-प्रदान करना चाहिए। जिससे जानकारी के साथ एचआईवी-एड्स को हराया जा सके। इस कार्यक्रम के आयोजन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनाश सिह, डॉ. विक्रांत घोरे और सूर्यकांत रजक के साथ ही सभी कर्मचारियों ने भी सहियोग किया और स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को एड्स के प्रति जागरूक किया।
*एहतियात बरतकर एचआईवी को दे सकते है मात*
कार्यक्रम के संचालक डॉ. लक्ष्मिकांत कश्यप ने समाज के फैलते एड्स के नियंत्रण के बारे में कहा कि इसे बचाव करना ही बेहतर हैं, अगर हम अपने हेल्थ के प्रति थोड़े जागरूक और जानकार हो जाए, तो एड्स को फैलने से रोका जा सकता हैं। अस्पताल में इलाज के दौरान निजी जीवन में संयम रखना जरूरी हैं। हमारे देश में अभी भी लोग जाने-अंजाने इसकी चपेट में आ जाते हैं। एड्स से बचाव का प्रचार-प्रसार हर वर्ग और समाज के हर स्तर पर करने की जरूरत हैं।