कवर्धा

युवा महोत्सव युवाओं में छुपी कला को मंच देने का एक सशक्त माध्यम- कलेक्टर श्री महोबे

युवा महोत्सव में युवाओं ने किया अपनी कला का प्रदर्शन

युवा महोत्सव युवाओं में छुपी कला को मंच देने का एक सशक्त माध्यम- कलेक्टर श्री महोबे

संगीत महाविद्यालय और आउटडोर स्टेडियम में हुआ एक दिवसीय आयोजन

कवर्धा,

संगीत महाविद्याल में आयोजित युवा महोत्व में जिले युवाओं ने संगीत के अलग-अलग विधाओं में शानदार प्रस्तुति दी। स्थानीय संगीत महाविद्यालय में राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के निर्देश पर एक दिवसीय जिला स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने दीप प्रज्जवलित कर युवा महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होने युवा महोत्सव के सफल आयोजन के लिए प्रतिभागियों को शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री महेन्द्र गुप्ता सहित महोत्सव में जजमेंट विशेष रूप से उपस्थित थे।
कलेक्टर ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि इस युवा महोत्सव का मुख्य उदेश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की लोक पारंपरिक खेल एवं संगीत के विभिन्न विधाओं में छुपी हुई प्रतिभाओं आगे बढ़ाने एक मंच प्रदान करता है। उन्होने बताया कि राज्य शासन के मंशानुरूप युवा महोत्सव विकासखण्ड स्तर पर हुआ। इसके बाद आज एक दिवसीय जिला स्तरीय आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में हो अच्छे प्रतिभागी विजेता होंगे, उन्हे राज्य स्तर पर अपनी कलाओं के माध्यम से आगे बढ़ने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा। जिला पंचायत सीईओ श्री अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य में खेल और संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने का एक अवसर प्रदान किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की भांती भी इस वर्ष यह आयोजन हो रहा है।
संयुक्त कलेक्टर एवं जिला खेल अधिकारी सुश्री दीप्ति गौते ने बताया कि इस जिला स्तरीय युवा महोत्सव में संगीत एवं खेल के अलग-अलग 26 विधाओं को शामिल किया गया है। इस योजन में 405 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है। उन्होने बताया कि कला और संगीत विधाओं में इस आयोजन में लोक नृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक, शास्त्रीय गायन, बांसुरी वादन, तबला बादन, हार्मोनियम वादन, सुवा नृत्य, करमा नृत्य, पंथी नृत्य, राउत नाचा, कत्थक नृत्य और ओडिसा नृत्य शामिल है। इसके अलावा पारम्परिक वेशभूषा, चित्रकला, तात्कालिक भाषण क्वीज प्रतियोगिता और निबंध शामिल किया गया हैं। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की लोक पारंपरिक खेल शामिल किए गए हैं। उन खेलों में भौंरा, गेंड़ी दौड़, फूगड़ी, खो-खो,कबड्डी, कुश्ती, और छत्तीसगढ़ी फुड फेस्टिवल शामिल है। संगीत, नृत्य, वाद-विवाद एवं चित्रकारी प्रतियागिता का आयोजन महाविद्यालय परिसर में किया गया जाएगा और खेल प्रतियोगिता आउटडोर स्टेडियम में किया जाएगा।

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