छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

दो माह से वेतन नही मिलने से नाराज निगम कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय के सामने दिया धरना, कामकाम रहा दिन भर ठप

भिलाई। नगर निगम भिलाई तमाम कर्मचारीव यूूनियन नेताओं ने आज निगम के मुख्यद्वार के समक्ष पिछले अक्टूबर नवंबर का वेतन नही मिलने से नाराज कर्मियों ने आज एक दिवसीय धरना दिया। इसके कारण आज दिन भर नगर निगम का कामकाज ठप्प रहा इसके कारण अपने काम के लिए नगर गिनम आये लोगों को भारी परेशानी हुई। इस दौरान यूनियन नेताओं ने कहा कि पूर्व में भी आयुक्त श्री व्यास और महापौर नीरजपाल और राज्यसरकार को अपने दो माह से वेतन नही मिलने की पीड़ा बताने के बावजूद ये माह भी खत्म होने को जा रहा है लेकिन वेतन का भुगतान नही होने से कर्मचारियों ने खुलकर कहा है कि छ: दिन में यदि वेतन का भुगतान नही मिलेगा तो 1 दिसंबर को बड़ा आंदोलन निगम के मुख्य द्वार के पास होगा। आज इनकर्मचारियों को अपना समर्थन देने खुर्सीपार के भाजपा पार्षद दया सिंह अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे और उन्होंने अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि नगर निगम भिलाई प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा निगम है जिसकी पहचान पूरे देश और छत्तीसगढ में राजस्व के मामले में अलग ही रहती आई है और दिशा और दशा तय करने वाला यह नगर निगम हेै, कर्मचारियों को वेतन नही मिलने से उनके सामने डीजल पेट्रोल डलाने,  राशन लेने जैसी कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मैं पूरे भाजपा पार्षदों की तरफ से इन्हें पूरा समर्थन देता हूं। इनके हक व अधिकार की लड़ाई के लिए मैं हमेशा इनके साथ खड़ा हूं। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल से भी चर्चा करूंगा।

आवश्यकता पड़ेगी तो इनके वेतन संबंधी मामला को विधानसभा में भी उठाया जायेगा। ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम को बेचने की तैय्यारी चल रही है। नगर निगम बेशकीमती जमीनों को बेच रहा  है। इस नगर निगम में आवक के कई महत्वपूर्ण स्रोत है। निगम से प्राप्त आय का बड़ा हिस्सा सीधे निगम से राज्य सरकार को जा रहा है। जबकि ये जिला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित अन्य दो महत्वपूर्ण मंत्रियों का जिला है। यह निगम चारो ओर लूट और भ्रष्टाचार का घर बन चुका है। कर्मचारी अपना हक मान रहा है ना कि वो चोरी डकैती करने का कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों को बेवकूफ बनाना बंद करें। मेेयर सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। आयुक्त आज रायपुर चले गये है आखिरकार इन कर्मचारियों की तकलीफ कौन सुनेगा? तालाबों को ठेका बंद कर दिये हैं। मैं इनके साथ हर समय खड़ा है।

बड़ी बडी येाजना बनाने वाले आईएएस वेतन के मामले में क्यों नही बना रहे योजना-संजय शर्मा
इस दौरान यूनियन नेता संजय शर्मा ने कहा कि अक्टूबर नवंबर माह का वेतन आज तक कर्मचारियों को नही मिला। जबकि हर माह 7 तारीफ को वेतन का भुगतान हो जाता था लेकिन आज तक वेतन नही मिला। हमने इस संबंध में अपनी पीड़ा महापौर और आयुक्त को बताई है। लगातार निगम कर्मचारी छग सरकार की योजनाओं को जनता को बता रहे हैं।  लेकिन हमारी समस्या का हल नही हो रहा है। कर्मचारियों के सामने डीजल,पेट्रोल, मोबाईल रिचार्ज, स्कूल की फीस और राशन के लाले पड़ गये हैे। आइएएस अफसर बड़ी बड़ी प्लानिक व योजना बनात हैं वह हमारे वेतन पर कार्य नही हो रहा है। इसकी जानकारी कर्मचारियों को दिया जाये। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में निगम के सभी कर्मचारी शामिल हुए।

फेल हुआ निजी एजेंसी को वसूली का जिम्मा-मेश्राम
नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने का अहम कारण राजस्व वसूली की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दिए जाने के निर्णय को माना जा रहा है। धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारी नेता अनिल मेश्राम ने कहा कि राजस्व वसूली का जिम्मा जब से निजी एजेंसी को दिया गया हैए तभी से नगर निगम की आर्थिक स्थिति डगमगाने लगी है। निगम के कर्मचारी राजस्व वसूली करने में अभी भी सक्षम है। लेकिन प्रशासन की अपनी मनमानी है। आर्थिक स्थिति सही नहीं होने से कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत हो रही है। इससे पहले किसी तरह संचित निधि से वेतन भुगतान किया गया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि समय पर वेतन भुगतान नहीं होने से कर्मचारियों को पारिवारिक दायित्व निर्वहन में परेशानी आ रही है। इसका नकारात्मक असर कार्यालयीन कामकाज में पडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।

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