लोरमी की रामकथा का आयोजन ऐतिहासिक-डाक्टर तिवारी
लोरमी-मनियारी साहित्य एवम सेवा समिति के सचिव ,प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा छत्तीसगढ के प्रान्तीय संयोजक व श्रीमद्भागवत एवम श्रीराम कथावाचक डाक्टर पंडित सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने लोरमी की अखिल भारतीय श्रीराम कथा के आयोजन को ऐतिहासिक बतलाया। डाक्टर तिवारी इकतालिसवे वर्ष के सातवे दिवस की कथा श्रवण के उपरांत अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उक्त श्रीराम कथा की गंगोत्री सन् 1982मे समिति के प्रथम अध्यक्ष शंकरलाल अग्रवाल के निवास स्थल से पहिली बार प्रकट होकर प्रवाहित होना प्रारंभ हुई,जो विगत चालीस वर्षो से लगातार अविरल गति से आगे बढ रही है।उक्त श्रीराम कथा के प्रथम कार्यक्रम ,आयोजक तथा कथावाचक मानस सम्राट पंडित रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी के प्रवचनो के सानिध्य को डाक्टर तिवारी अपने जीवन की अमूल्य धरोहर तथा उपलब्धि मानते है।उन्होने गिरधर गोपाल वैष्णव की संयोजन व संचालन कुशलता को याद किया।डाक्टर तिवारी ने राधेश्याम अग्रवाल, पंडित रामरतन त्रिपाठी,रामअवतार अग्रवाल, पेथाभाई सापरिया कामताप्रसाद केशरवानी, रतनमणी केशरवानी,पंडित शिवकुमार शास्त्री,बिष्णुसेवक पाठक,विधायक ठाकुर धर्मजीत सिंह, पूर्व विधायक ठाकुर भूपेंद्र सिह, मुनीराम साहू तोखन साहू, सान्सद अरूण साव, सहित वर्तमान समिति के अध्यक्ष जगदीश सोनी सहित उनकी पूरी टीम का योगदान इतिहास के पन्नो मे स्वर्णिम अक्षरो मे अंकित हो रहा है।डाक्टर तिवारी ने यह भी बतलाया कि उक्त रामकथा मे भारत के अनेक शीर्षस्थ विद्वानो का आगमन हो चूका है। हमारे स्थानीय कथावाचको ने भी कथावाचन कर उक्त आयोजन को अपना योगदान दिया है।उन्होंने यह भी बतलाया कि वे स्वयं लोरमी की रामचरित मानस सम्मेलन मे अनेक बार कथावाचन की सेवाए दे चूके है।डाक्टर तिवारी ने श्रीराम कथा के इन इकतालीस वर्षो की कालजयी,ऐतिहासिक व अविस्मरणीय गाथा को प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर कवि संगम त्रिपाठी के सहयोग से “धर्म नगरी लोरमी की रामकथा”शीर्षक पुस्तक प्रकाशित करने की घोषणा भी की।