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छत्तीसगढ़ के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के जशपुरनगर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन राव भागवत का आगमन

जशपुर:- छत्तीसगढ़ के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के जशपुरनगर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन राव भागवत का आगमन हुआ, वनवासी और वनांचल क्षेत्र में उनके आगमन और स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव का प्रतिमा अनावरण में जो हर्ष व्याप्त रहा और जो संख्या बल देखा गया वो निश्चित ही सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिये अविस्मरणीय रहा ।
अखिल भारतीय कल्याण आश्रम के तत्वाधान में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा के जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस एवं प्रतिमा अनावरण के अवसर पर सर संघचालक का जशपुर आने से कई मकसदो पर चर्चा का बाजार तेज है, जशपुर क्षेत्र में जो जनजातियों को बहला फुसलाकर धर्मातरण किया जा रहा है इस पर योजनाबद्ध तरीके से रोक लगाया जायेगा, पूरे क्षेत्र के हिंदुओं के लिये कई जन जागरण योजनाये बनाये जाएंगे, वनवासियों और जनजातियों को निडर और उत्साह से परिपूर्ण करने विशेष प्रशिक्षण अभियान होंगे, ऐसे अन्य कई योजनाओं का बाजार गर्म है ।
जशपुरनगर आगमन के साथ ही मोहन भागवत का स्वागत सर्वप्रथम कल्याण आश्रम के केंद्रीय कार्यालय जशपुर में हुआ यहां कल्याण आश्रम अध्यक्ष रामचंद्र जी, योगेश बापट जी एवं अन्य व संघ के कई राज्य से आये पदाधिकारी एवं राजपरिवार से कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने जशपुर की इस पावन भूमि में स्वागत किया, कल्याण आश्रम के संध्या शाखा में सर संघचालक सम्मिलित हुये और जशपुर में हो रही वर्तमान सभी गतिविधियों को बारीकी से जाना एवं पहचाना, एवं जनजातियों के लिये क्षेत्र में हो रही हित और अहित पर चिंतन किया, और जनजातियों को और सशक्त कैसे बनाया जाये इस पर सघन विचार हुआ, रात्रि विश्राम कल्याण आश्रम में हुआ, साथ के कई राज्यो से आये संत समाज, संघ समाज, एवं अन्य सभी साथ रहे ।
सर संघचालक का आगमन स्व. दिलीप सिंह जूदेव जी का निवास विजय विहार पैलेस हुआ जहां प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने उनका स्वागत किया, सर संघचालक राजपरिवार के सदस्यों से मुलाकात कर जशपुर के वादियों एवं क्षेत्र की जनजातियों के हित संबंधी कई चर्चाएं की साथ ही कुमार दिलीप सिंह जूदेव के घरवापसी अभियान को निरंतर आगे बढ़ा रहे प्रबल जूदेव का भी उन्होंने सरहाना किया और क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण के विरुद्ध सदैव खड़े होकर निरन्तर घरवापसी अभियान को तेजी देने की बात कही, राजपरिवार के सभी सदस्यों से निजी मुलाकात रही खास बात यह रहा कि इस मुलाकात में सर संघचालक से किस प्रकार की गुप्त वार्ता हुई यह किसी के जानकारी में नही है ।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा का माल्यार्पण कर शोभायात्रा बिरसमुंडा चौक से रणजीता स्टेडियम तक चली शोभायात्रा एक बहुत बड़ी जन सैलाब था, मानो कुमार साहब का प्यार इस ग्रामीणों को खींच लाया हो, कुमार दिलीप सिंह जूदेव के आदमकद प्रतिमा का अनावरण सर संघचालक के कर कमलों से हुआ, इस कार्यक्रम के कुमार साहब के स्मरण में बनाई गई चलचित्र ने सभी भावनाओ से भर डाला, इस कार्यक्रम में मोहन भागवत ने स्व दिलीप सिंह जूदेव की तुलना भगवान बिरसा मुंडा से की, और बताया कि दिलीप जूदेव भी जनजातियों के हित के लिये आजीवन संघर्ष किये, राजा होते हुये, सम्पति होते हुये, सब चीज होते हुये भी उन्होंने जनजातीय का हित को ही पूजा माना और धर्मान्तरित आदिवासियोँ को पुनः उनका पैर गंगाजल से धोकर हिन्दू धर्म के घरवापसी करवाया, ऐसे लोग विरले होते है उन्होंने कथाके माध्यम से बताया कि हम जनजातीय समाज के लोग खरगोश भी अगर है तो शेर और हाँथी की तरह शक्ति और निडरता रखते है, हम एकजुट रहेंगे तो कोई हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता, जनजातियों को एक संदेश दिये कि धर्मांतरण कर रहे लोगो के कुचक्र में हमे नही फसना है और क्षेत्र के सभी नेताओं के साथ मिलकर एकजुट होकर लड़ाई लड़नी है ।

मोहन भागवत के जशपुर आगमन पर स्व दिलीप सिंह जूदेव के सुपुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव से जब जानकारी लिया गया कि क्या असर होगा क्षेत्र में सर संघचालक के आने का, इस उन्होंने बताया कि क्षेत्र के जनजातियो का जो धडल्ले से धर्मांतरण हो रही है तत्काल इन पर योजनबद तरीके से रोक लगायेगें, घरवापसी अभियान में तेजी होगा, हिंदुओं को एकजुड़ किया जायेगा, गांव गांव जनजागरण किया जायेगा, उन्होंने बताया कि सर संघचालक जी आने से पूरे छत्तीसगढ़ में युवाओं में एक नई जोश का संचार हुआ है जिसका उत्तम और सुखद परिणाम बहुत जल्द मिलेगा ।

इस कार्यक्रम के छतीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, बृजमोहन अग्रवाल, अरुण साव साथ ही झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली एवं अन्य कई राज्य के भारतीय जनता पार्टी के साथ साथ संघ एवं राजपरिवार के सदस्य उपस्थित रहें ।

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