छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने किसान 20 नवम्बर तक करवायें ई-केवाईसी

*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने किसान 20 नवम्बर तक करवायें ई-केवाईसी*

भूपेंद्र साहू
ब्यूरो चीफ बिलासपुर,
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीकी च्वाईस सेन्टर से अनिवार्य रूप से 20 नवम्बर तक ई-केवाईसी पूरा करवाना होगा। उप संचालक कृषि ने किसानों से अपील की है कि वे अपना ई-केवाईसी जल्द से जल्द पूरा करवा लें।
जिले के लगभग 16 हजार किसानों के पंजीयन के दौरान कृषि भूमि का खसरा नंबर सही अंकित नहीं कराये जाने के फलस्वरूप उनकी किस्त की राशि भारत सरकार द्वारा रोक दी गई है। ऐसे किसानों की सूची विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को भेजी जा चुकी है। जिन किसानों के खाते में राशि हस्तांतरित नहीं हुई हो तो वे अपना आधार कार्ड, भूमि अभिलेख बी-1, पी-2, बैंक पास बुक की कापी के साथ अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर कृषि भूमि की जानकारी प्रविष्टि करा लें। कई किसानों का आधार कार्ड उनके बैंक खाता में लिंक नहीं होने के कारण उन्हे किस्त की राशि प्राप्त नहीं हो रही है। अतः ऐसे कृषक जिन्होंने अभी तक अपने बैंक खाता में आधार कार्ड लिंक नहीं कराया है, संबंधित बैंक में अपना आधार कार्ड ले जाकर तत्काल लिंक करा लें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भारत सरकार द्वारा राशि आधार नम्बर लिंक खातें में ही डाला जाता है। आधार सिंडिंग के समय बैंक अधिकारी को डी.बी.टी. सक्षम करने हेतु आग्रह करें ताकि किस्त की राशि हस्तांतरण में समस्या न हो। किसानों द्वारा च्वाईस सेन्टर से योजनान्तर्गत पंजीयन कराया गया है, किन्तु अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को पंजीयन आवेदन एंव आवश्यक अभिलेख जैसे अपना आधार कार्ड, भूमि अभिलेख बी-1, पी-2, बैंक पास बुक की कापी नहीं दी जाती है जिसके कारण पात्रता निर्धारण संभव नहीं हो पाता है अतः अपना आवश्यक अभिलेख ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को देकर स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण करा लें। ताकि विकासखंड से प्रथम स्वीकृति उपरांत द्वितीय स्वीकृति हेतु भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन के साथ जिला कार्यालय को भेजा जा सके। उप संचालक कृषि ने सभी किसानों से योजना का लाभ लेने के लिए सम्पूर्ण कार्यवाही 20 नवम्बर 2022 तक पूर्ण करा लेने को कहा है।

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