मुंगेली

मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ एक बार फिर लामबंद होने लगे पार्षद,,, कार्य प्रणाली को लेकर उठाया सवाल

मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ एक बार फिर लामबंद होने लगे पार्षद,,, कार्य प्रणाली को लेकर उठाया सवाल

मुंगेली – नगर पालिका मुंगेली एक बार फिर सुर्खियो में आने लगा है, जिस नाली घोटाले ने बीते वर्ष अध्यक्ष पद कुर्सी भाजपा से छिनकर कांग्रेस की झोली में डाली थी वही नाली घोटाले का जिन्न एक बार पुनः चिराग से बाहर आने लगा है, जिसके चलते आक्रोशित नगर के व्यापारी और आम जन दबी जुबान से चर्चा करने लगे है कि भाजपा के समान कांग्रेस को भी नगर पालिका अध्यक्ष के पद से हटने को मजबूर तो नही होना पड जायेेगा ।
ज्ञात हो बीते पूर्व में भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद से पुरा राजनिक घटना क्रम अध्यक्ष विरोधी हो गया था जिसके चलते आरोप प्रत्यारोप का दौर काफी समय तक चलता रहा, और अंततः भाजपा के संतू लाल सोनकर को अपनी कुर्सी गवानी पडी। वही लगभग एक साल बाद पुन पालिका में इस प्रकार की घटनाएं सामने आने लगी है जिसके चलते पालिका प्रतिनिधियों और नगर के व्यापारियों एवं आम जनमानस के कोप भाजन का शिकार वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी न हो जाये । सूत्रो से मिली अपुष्ट जानकारी के अनुसार नगर पालिका में सौर्दर्यीकरण को लेकर किये गये तोडफोड एवं नाली निर्माण के दौरान अपने वरदहस्त प्राप्त चहेते ठेकेदारो को काम देने से हुए मनमुटाव के चलते एक बार फिर दुरिया बडने लगी है वही दुसरी तफर मानमनौवल का दौर भी जारी है। नगर पालिका परिषद मुंगेली के पार्षदों ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच कर नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के खिलाफ अनिमितताओं करने का लिखित में शिकायत पार्षदों ने कलेक्टर से किया

*वही पार्षद ने तीन बिंदु में किया है* (1) आपके द्वारा दी गई 14 प्लेसमेंट कर्मचारियों में भारी अमृता है जिसमें कार्रवाई अपेक्षित है।
(2) नगर पालिका परिषद में हो रहे विकास कार्य में टेंडर अपने लोगों को दिलाए जाने के संदर्भ में।
(3) राज्य सरकार के द्वारा मांगी गई विकास कार्यों में अध्यक्ष महोदय द्वारा केवल अपने ही वार्ड में कार्य कराने के संदर्भ में। कलेक्टर से ज्ञापन सौंपा कर जल्द कार्यवही की मांग किया । वही जल्द करवाही नही होने पर चरण बद्दा आंदोलन की चेतावनी दिये। जिसकी सम्पूर्ण जवाब देही जिला प्रशासन होगी। अब देखना होगा कि पार्षदो की तीन बिंदु पर जिला प्रशासन कब तक जांच कर पाता है कि नही ।

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