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निकायों आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही बढने लगी राजनीतिक सरगर्मी

पुराने नेताओं के साथ उभरने लगा नये दावेदारों का नाम

महापौर व अध्यक्ष पद अनारक्षित रहने का दिखा असर

भिलाई। महापौर और पालिका अध्यक्ष पद की आरक्षण स्थिति स्पष्ट होते ही दुर्ग व कुम्हारी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इसकी वजह इन दोनों ही निकायों में इस साल के अंत में चुनाव तय होने को माना जा रहा है। दुर्ग महापौर व कुम्हारी पालिका अध्यक्ष का पद अनारक्षित रह जाने से दावेदारों में खासा उत्साह नजर आ रहा है राजनीतिक गलियारे में पुराने के साथ ही नये दावेदारों का नाम भी उभरने लगा है।

नगरीय निकाय चुनाव से पहले महापौर व अध्यक्ष पद के आरक्षण तय कर लिए गए हैं। दुर्ग जिला में तीन नगर निगम होने से आरक्षण प्रक्रिया पर राजनीतिक निगाहें टिकी रही। हालांकि भिलाई सहित भिलाई-चरोदा नगर निगम और जामुल पालिका के चुनाव में अभी समय है, लेकिन संवैधानिक संकट की स्थिति से बचने इसी वर्ष दिसंबर में जिन निकायों में चुनाव होना है उनके साथ ही इन तीनों निकाय में भी आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। दुर्ग निगम व कुम्हारी पालिका में महज तीन महीने के भीतर चुनाव होना तय है। इस वजह से आरक्षण प्रक्रिया पूरी होतेही दावेदारों में सरगर्मी एकाएक बढऩे लगी है। दुर्ग नगर निगम का महापौर और कुम्हारी का पालिका अध्यक्ष पद आगामी चुनाव के लिए अनारक्षित घोषित किया गया है। अनारक्षित का मतलब है किसी भी जाति, धर्म और लिंग का शख्स जो महापौर व पालिका अध्यक्ष के लिए निर्धारित अर्हता रखता है, वह चुनाव लडने के लिए पात्र माना जाएघा। इसी वजह से इन दोनों निकायों में खासकर सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नेताओं की उम्मीद जाग उठी है।

दरअसल नगरीय निकायों मं चक्रानुक्रम पद्धति से महापौर व अध्यक्ष पदों का आरक्षण होता है। दुर्ग जिले में भिलाई चरोदा निगम अनुसूति जाति के लिए आरक्षित है। लेकिन अन्य निकायों में चक्रानुक्रम पद्धति अपनाये जाने से महापौर अथवा अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी आरक्षित हो जाता है। इस स्थिति में सामान्य वर्ग के दावेदारों को चुनाव प्रक्रिया में बतौर प्रत्याशी उतरने का अवसर नहीं मिल पाता। सामान्य वर्ग के दावेदार अनारक्षित घोषित पद पर ही चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कई बार राजनीतिक पार्टियां जीतने योग्य प्रत्याशी को प्राथमिकता देकर अनारक्षित घोषित पद के लिए आरक्षित वर्ग को चुनाव मैदान में उतारते हैं। बावजूद इसके सामान्य वर्ग के दावेदारों में एक उम्मीद बनी रहती है। इसी तरह की उम्मीदों के चलते दर्ग और कुम्हारी के अनेक नेता आरक्षण तय होते ही आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं।

गौरतलब रहे कि दुर्ग नगर निगम का महापौर पद पिछले दो बार से आरक्षित हो रहा था। वर्ष 2009 में चुनाव में यहां का महापौर पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। इसके बाद वर्ष 2014 में महापौर का पद महिला आरक्षित रखा गया था। जबकि इससे पहले वर्ष 2004 में महापौर पद अनारक्षित हुआ था। इस तरह 15 साल के लंबे अंतराल के बाद दुर्ग महापौर पद के लिए ताल ठोकने का अवसर सामान्य वर्ग को मिला है। कुम्हारी नगर पालिका का अध्यक्ष पद पिछली बार अनारक्षित था। इस बार भी अनारक्षित रखे जाने से सभी वर्ग के दावेदारों के लिए चुनाव मे उतरने का मौका रहेगा। फिर भी सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की खुशी छिपाये नहीं छिप रही है।

चरोदा में जमीन संवारने दो साल का समय

भिलाई-चरोदा नगर निगम अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय है। यहां का महापौर पद आगामी दो साल बाद होने ाले चुनाव के लिए अनुसूचित जाति महिला पुरुष मुक्त रखा गया है। पिछले बार यहां का महापौर पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था। इस बार मुक्त हो जाने से अनुसूचित जाति वर्ग के पुरुष नेताओं के लिए महापौर चुनाव में भागय आजमाने का अवसर रहेगा। यहां पर वर्ष 2021 के अंत में चुनाव होना है। लिहाजा दावेदारों को दो साल का पर्याप्त समय तैयारी के लिए मिलेगा। इस समयावधि में भाजपा और कांग्रेस जैसी प्रमुख पाटियों के दावेदार अपनी राजनीतिक समीन को संवारकर उपजाऊ बनाने की कोशिशों को अंजाम दे सकते हैं।

भिलाई व जामुल में अगले साल होगा चुनाव

भिलाई निगम महापौर और जामुल पालिका अध्यक्ष पद भी आगामी चुनाव के लिए अनारक्षित रखा गया है। इन दोनों निकाों का चुनाव अगले साल दिसंबर में होना है। इससे दावेदारो को तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा। फिर भी दोनों निकायों के प्रमुख पदों को अनारक्षित घोषित किए जाते ही भावी राजनीतिक परिदृष्य पर चर्चा चल पड़ी है। यह लगाार दूसरा मौका है जब भिलाओई निगम का महापौर पद अनारक्षित हुआ है। पिछले बार भी यह अनारक्षित रखा गया था। वहीं जामुल पालिका अध्यक्ष का प पिछली दफा महिला अनारक्षित था। इस बार अनारक्षित रहने से सभी वर्ग के दावेदार अगले साल होने वाले चुनाव के लिए सपने संजोने में लग गए हैं।

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