छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

एचएमएस के निरंतर प्रयास के बाद ठेका श्रमिकों का छग शासन ने दिखाई गंभीरता

इनके समस्याओं के निपटान के लिए 14 सदस्यीय टीम का किया गठन

भिलाई। हिन्द मजदूर सभा के निरंतर प्रयास के बाद छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीरता से लिया एवं सुबोध कुमार सिंह श्रमायुक्त ने पहल करते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेकेदारों  एवं कंपनियों को नियंत्रित करने एवं ठेका श्रमिकों को मूलभूत अधिकार दिलाने विशेषकर मजदूरी भुगतान, बोनस, ईपीएफ, ईएसआई कार्ड, रोजगार कार्ड, परिचय पत्र, पे.स्लीप, एवं गेटपास, सुरक्षा उपकरण आदि की ओर ध्यान देते हुए 14 सदस्यीय कमेटी का गठन कर निरंतर त्वरित कार्यवाही किए जाने का आदेश जारी किया है।

इस आशय की जानकारी देते हुए हिन्द मजदूर सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एच.एस.मिश्रा ने बताया कि श्रमायुक्त के निर्णय से संयंत्र में काम करने वाले 22 हजार ठेका श्रमिकों के दिन सुधरेंगे और संयंत्र के अधिकारियों एवं ठेकेदारों के बीच जो श्रमविरोधी गतिविधियां संचालित हो रही है विशेषकर कोरे कागज, मस्टर रोल और वाउचरों में हस्ताक्षर करा लिया जाता है और जो श्रमिक अधिकार की बात करता है उसका गेटपास छिनकर नौकरी से हटाए जाने की धमकी दी जाती है। भिलाई इस्पात संयंत्र में कुछ उच्चधिकारी अपने चहेते रिश्तेदारों व संबंधियों को प्लांट के अंदर ठेका दिलवाते है। जो कम रेट में काम लेकर कारखानें में घटिया किस्म के काम करते है। जिससे प्लांट में कई बार स्ट्रक्चर व फांउडेशन भी गिर जाता है।  हिन्द मजदूर सभा श्रमिकों के शोषण की आवाज विगत कई वर्षों से शासन प्रशासन और बीएसपी के अधिकारियों के भी संज्ञान में लाते आ रहे है। फिर भी आज तक शोषण जारी है और कंपनी व ठेकेदारों के उपर कोई कार्यवाही बीएसपी प्रबंधन नही कर रहा है।

एच.एस.मिश्रा ने श्रमायुक्त के कार्यवाही की सराहना करते हुए आगे कहा कि जांच समिति में 14 अधिकारी व कर्मचारी है जो उप संचालक औद्यो. स्वास्थ्य के.के.द्विवेदी के अतिरिक्त सहा. संचालक सुश्री दिशा शुक्ला, निशा बघेल, अभय गौराहा, विवेक चेलकर, रमेश प्रधान, मनीष नेताम, अशोक मिश्रा, श्रीमती प्रेमी कुजुर, श्रीमती सुप्रिया धु्रव , श्रीमती श्रद्धा वर्मा, बसंत वर्मा, रत्नाकर माटे एवं आर.एस. राजपूत को शामिल किया गया है। इन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि समय समय पर जांच कर श्रमायुक्त  को प्रतिवेदन प्रस्तुत करे एवं ठेकेदारों पर दण्डात्मक कार्यवाही करें। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि उद्योंगों और कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों का शोषण नही होना चाहिए। शासन ने जो उन्हें कानूनी अधिकार के अंतर्गत वेतन व सुविधाएं देने के निर्देश दिए है उसका पूर्णत पालन बीएसपी प्रबंधन को करना चाहिए। श्री मिश्रा ने कहा कि 14 सदस्यी समिति बनने के बाद कर्मचारियों को उनका मूलभूत अधिकार मिलेगा। ये श्रमिकों के लिए हर्ष की बात है कि उनके अच्छे दिन आ रहे हैं।

Related Articles

Back to top button