छत्तीसगढ़

शिक्षा का अधिकार अधिनियम महज कागज पर बच्चों से रुपए वसूले रहे

शिक्षा का अधिकार अधिनियम महज कागज पर बच्चों से रुपए वसूले रहे

राजा ध्रुव। बस्तर/जगदलपुर- गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसी उद्देश्य से शिक्षा के अधिकार योजना लागू किया गया। इसके तहत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा, गणवेश एवं पुस्तकों की उपलब्धता करवाए जाने के सख्त नियम पारित किए गए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत बी.पी.एल. श्रेणी परिवार के बच्चों को सरकारी समेत बड़े निजी स्कूलों में शिक्षण-प्रशिक्षण देने का सरकार लाख दावा कर रही है पर जमीनी हकीकत कुछ और है। शहर के गीदम रोड पर स्थित प्राइवेट स्कूल विद्यापति अकादमी के कुछ बच्चों से आरटीई के तहत स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं शाला की प्राचार्य ने परीक्षा फीश के नाम पर राशि वसूली जा रही है। परिजनों द्वारा मीडिया से शिकायत के बाद मामला गर्म होने पर आनन-फानन में कम पढ़े लिखे परिजनों से प्राचार्य ने स्वेच्छा पूर्वक राशि दिए जाने की सहमति लिखवा ली।

मामले की शिकायत मिलने पर मीडिया कर्मी तस्दीक करने जब स्कूल पहुंचे तब स्कूल प्रबंधन से जुड़े हुए कुछ लोगों ने ना केवल कैमरा छीनने का प्रयास किया वरन खबर चलाने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी ।गौरतलब है कि संभागीय मुख्यालय के निजी स्कूल में गरीब बच्चों से दबंगई करते हुए अवैध रूप से राशि वसूली जा रही है दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का किस तरह से पालन हो रहा है यह सहज कल्पनीय हैं। वहीं खुलेआम शिक्षा के अधिकार के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस पर अभी तक न ही जिला प्रशासन और न ही शिक्षा विभाग का ध्यान गया है। इस कारण कुछ प्राइवेट स्कूल का मनोबल चरम सीमा पर है।
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान ने कहा कि आरटीई योजना के तहत पढ़ रहे बच्चों से किसके नाम पर पैसा लेना अवैधानिक है मामले में संबंधित स्कूल के विरुद्ध जांच की जाएगी नियम अनुसार कार्रवाई करेंगे।

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