छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रिसाली निगम आयुक्त आये एक्शन मोड में, स्वयं लिये अटेंडेंस और दस बजे तक कार्यालय नही आने वालों को दिये कारण बताओं नोटिस

भिलाई। रिसाली निगम के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को देर से आने की मिल रही शिकायत के बाद रिसाली निगम आयुक्त एक्शन मोड में दिये और स्वयं निगम के कई विभागों में पहुंचकर अधिकारियों और कर्मचारियो की हाजिरी ली और देर से आने वाले निगम के 27 अधिकारियों और कर्मचारियों को 24 घंटे का मोहलत देते हुए कारण बताने कहा। वहीं निगम में प्लेसमेंट के तहत यहां कार्य करने वाले 42 ऐसे कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने निर्देश दिये जो 10 बजे के बाद निगम कार्यालय डयूटी पर आये।

निगम आयुक्त बुधवार को कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। वे अभियंता कक्ष पहले पहुंचे। इस दौरान कुर्सी खाली होने पर उपस्थिति पंजी लेकर चेक करने लगे। कुर्सी टेबल अधिकारी विहिन होने पर वे लोक निर्माण कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन शाखा, एकाउंट, स्टेनो कार्यालय समेत आजीविका मिशन शाखा पहुंचे। अधिकांश अधिकारी कर्मचारी के गायब होने पर आयुक्त ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। आयुक्त ने जवाब संतोषजनक नहीं होने पर वेतन कटौती के निर्देश दिए है।

15 मिनट बाद पहुंचे टंकी कार्यालय

अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति देखने आयुक्त सुबह 10:15 बजे श्याम नगर स्थित टंकी कार्यालय पहुंचे। उपअभियंता अखिलेश गुप्ता आयुक्त के साथ पहुंचे थे। आयुक्त के निर्देश पर उपअभियंता टंकी कार्यालय स्थित वाहन शाखा, स्टोर, अधिक्षक कार्यालय, जनसंपर्क विभाग समेत राजस्व विभाग में उपस्थिति देखी। मुख्य कार्यालय के सामान स्थिति होने पर आयुक्त ने वेतन कटौती के निर्देश दिए।

लंच समय के बाद गायब तो कटेगा वेतन
इस दौरान आयुक्त ने कार्यालय में मौजूद अधिकारियों से लंच समय के स्थिति के बारे में पूछताछ की। उन्होने कहा कि दोनो कार्यालय पहुंचे नागरिकों को लंच समय दोपहर 1:30 से 2:00 बजे तक की जानकारी होनी चाहिए। कार्यालय के बाहर लंच समय लिखा पर्ची चस्पा होना चाहिए। आयुक्त ने निर्देश दिए है कि लंच के बाद गायब रहने वाले अधिकारी कर्मचारी का वेतन अगले दिन को अनुपस्थित मानकर काटा जाएगा।

समय का करे पालन
रिसाली निगम के नियमित व प्लेसमेंट अधिकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि भविष्य में समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने वाले कर्मचारियों का वेतन कटौती उसी दिन किया जाएगा। नियमित कर्मचारियों को कारण बताने नोटिस नहीं दिया जाएगा। सीधे एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।

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