छत्तीसगढ़

राजनांदगांव के पत्रकारों के नाम से सत्ता सरकार में हो रही है किरकिरी – नामदेव

राजनांदगांव के पत्रकारों के नाम से सत्ता सरकार में हो रही है किरकिरी – नामदेव
जिला प्रशासन को राज्यपाल महोदय व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन पत्र को 22 दिनों तक कार्यालयों में रोककर रखा गया है आखिर क्यों?
शासन प्रशासन के अधिकारी कर रहे सरकार की फजीयत

राजनांदगांव. उल्लेखनीय है कि पत्रकारों के द्वारा दिया गया ज्ञापन पत्र राज्यपाल महोदय, मुख्यमंत्री महोदय जी के नाम से राजनांदगांव जिले के संयुक्त कलेक्टर इंदिरा नवीन सिंह को सौंपा गया था, दिनांक 22.08.2022 को किन्तु उपरोक्त ज्ञापन पत्र 22 दिनों तक दिनांक 13.09.2022 की स्थिति में आवक-जावक शाखा में बगैर रजिस्टर में दर्ज हुए पेंडिंग फाईल में रखा हुआ है। बड़े अफसोस की बात है कि जिला प्रशासन राजनांदगांव में किस गति से काम हो रहा है ज्ञात हो कि राजगामी संपदा राजनांदगांव की जमीन प.ह.नं. 41, खसरा नं.518, क्षेत्रफल 7.525 हेक्टेयर में से 10 एकड़ भूमि प्रेस क्लब गृह निर्माण समिति मर्या. राजनांदगांव को आबंटन की गई है। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप पत्रकारों के आवास हेतु उक्त भूमि को प्रेस क्लब गृह निर्माण समिति मर्या. राजनांदगांव द्वारा उक्त भूमि को पत्रकारों को आबंटन करने में बहुत ही गंभीर अनियमितता किया गया है व समानता तथा योग्यता का पूर्ण ध्यान नहीं रखा गया एवं उक्त भूमि आबंटन प्रक्रिया में परिवारवाद, नौकर-चाकर, कर्मचारीवाद व रिश्तेदारों में बंदरबांट करते हुए आबंटित किया गया। उक्त कृत्य को आप विभागीय जांच उपरांत स्वयं देख सकते हैं। अत: महोदय से सादर विनती है कि छह बिंदुओं पर उक्त भूमि आबंटन प्रक्रिया की जांच करें :- क्र.1 परिवारवाद के चलते आबंटित उक्त भूमि में एक ही परिवार के चार से पांच सदस्यों को पृथक-पृथक प्लाट आबंटित किया गया है, जिसमें सभी प्रत्येक सदस्यों को 1980 वर्गफीट का प्लाट आबंटित किया गया है जो नियम विरूद्ध हैं। क्र.2 एक ही समाचार पत्र से पृथक-पृथक चार से पांच व्यक्तियों को 1980 वर्गफीट का प्लाट प्रत्येक सदस्यों के हिसाब आबंटित किया गया है जो नियम विरूद्ध हैैं। क्र.3उपरोक्त भूमि आबंटित पत्रकारों की सूची संख्या 142 में लगभग 60 व्यक्तियों के नाम जनसंपर्ककार्यालय राजनांदगांव की सूची में दर्ज नहीं हैं फिर भी सभी व्यक्तियों व पत्रकारों को जमीन आबंटन किया गया है जो नियम विरूद्ध हैं। क्र.4 समस्त दैनिक समाचार पत्रों के निजी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों एवं प्रेस क्लब, चपरासी/चौकीदार को पत्रकारों की जमीन आबंटित किया गया है। जो नियम विरूद्ध हैं। क्र.5 प्रेस क्लब से हटकर पत्रकार संस्था व संगठन संचालित करने वाले व्यक्तियों को उक्त प्लाट आबंटित किया गया है जो संस्था के नियम विरूद्ध हैं। क्र.6 उक्त आबंटन में प्रेस क्लब द्वारा पत्रकारों के नाम से आबंटित जमीन को स्वयं की प्रापर्टी समझकर मनमानीपूर्वक आबंटन की कार्यवाही किया गया है। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप पात्र पत्रकारों को आबंटन नहीं किया गया है। जो जांच का विषय है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनांदगांव में पत्रकारों के लिए आबंटित आवासीय भूखण्ड में आवश्यक विकास कार्यो हेतु एक करोड़ 80 लाख रूपये की राशि प्रदाय करने की घोषणा की गई। उक्त राशि को आवासीय भूमि वितरण में बंदरबांट किए जाने की जांच उपरांत तक तत्काल रोका जावें। दिनेश नामदेव ने आगे बताया कि सारे पत्रकारों के नाम से आबंटित जमीन को परिवारवाद व कर्मचारीवाद, नौकरचाकरों के बीच में बांटा गया है। उपरोक्त संदर्भ में दिये गये ज्ञापन पत्र को आवास हेतु जमीन से वंचित पत्रकारों के कार्यवाही, ज्ञापन, अपील एवं अन्य जानकारी देने से रोक रहा जिला प्रशासन के विभागीय अधिकारी सूचना के अधिकार में गलत व झूठा जानकारी बनाकर दे रहे हैं और राजनांदगांव के मनोनित नेता मुख्यमंत्री को फर्जी जानकारी दे रहे हैं तथा चंद पत्रकारों की कठपुतली बनकर जिला प्रशासन जांच हेतु दिये गये ज्ञापन पत्र को राज्यपाल व मुख्यमंत्री तक पहुंचने से रोक रहे हैं और जिला प्रशासन द्वारा जांच में बाधा पहुचाया जा रहा है। ज्ञापन विज्ञप्ति समाचार जारी होने के बाद भी राजनांदगांव के जागरूक जनप्रतिनिधिगण इतने बड़े जमीन घोटाले में क्यों हैं खामोश? क्योंकि यही पत्रकारों ने छापे हैं राजनांदगांव शहर के घोटालों के संबंध में नाना प्रकार की खबरें अब पत्रकारों ने ही किया है इतना बड़ा जमीन घोटाला तो कौन मांगेगा जवाब? तत्कालीन कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने जमीन आबंटन के पूर्व पात्र-अपात्र पत्रकारों की क्यों नहीं बनाई सूची और शासन को क्यों दिया फर्जी जानकारी कि सारे पत्रकार एक मंच पर हैं। वर्तमान कलेक्टर डोमन सिंह चुप क्यों बैठें हैं ज्ञापन सौंपने के बाद। छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बना हैं राजनांदगांव में पत्रकार जमीन घोटाला।
दिनांक 14.09.2022

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