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दक्षिण भारतीय अम्मा जी ने रिश्तेदारी निभानें हिंदी के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा सीखी थी

शांति नगर निवासी रहें , पीडब्ल्यूडी विभाग, चांपा से सेवानिवृत्त मुख्य अधिकारी , सहज-सरल, मृदुभाषी स्वर्गीय श्री ए आर राममोहन की धर्मपत्नी श्रीमती रत्नावती का आकस्मिक निधन आज़ दिनांँक 11-09 -2022 को ब्रम्ह मुहूर्त में हो गया । वे सिंचाई विभाग सिवनी , चांपा से सेवानिवृत्त वेंकट रत्नम { भैय्याजी } एवं श्रीमति जया सुब्रमणिहम { धर्म बहनजी } की मातुश्री थी । उनका समस्त कार्यक्रम हैदराबाद में ही होगा । एक वर्ष पूर्व सिंचाई विभाग कालोनी सिवनी चांपा में बाबूजी श्रद्धेय राममोहन के वार्षिक श्राद्ध कर्म में अम्मा जी से भेट हुई थी । समय कितनी जल्दी गुजर जाता हैं । मॉ की करुणामई आंखें इतनी ऊर्जा ममत्व से ओत-प्रोत थी कि जब चाहे मन लगे बातें कर लेता था । कल ही मैंने और मेरी अर्धांगिनी श्रीमति शशिप्रभा ने अलग-अलग याद किया लेकिन बातें नहीं कर पाने का अफ़सोस जीवनपर्यंत रहेगा ।

शहरी सभ्यता में रची-बसी पूज्यनीया रत्नावती मातुश्री जी तमिलनाडु के एक छोटे से शहर की रहने वाली थी। दक्षिण भारतीय होने की वज़ह से पति के साथ शासकीय नौकरी के सिलसिले में चांपा आकर रहने लगी। दक्षिण भाषा में ही बात करती थी । हमसे आत्मिकता होने के कारण हिन्दी और धीरे_धीरे छत्तीसगढ़ी भाषा भी सीख गई । मेरी सुपुत्री सुश्री शीला-डॉक्टर अमित स्वर्णकार के वैवाहिक अवसर पर आमंत्रण-पत्र भेजा था । शारीरिक अस्वस्थता के कारण नहीं पहुंची,पूरे कार्यक्रम का ब्यूह लेते रही और शगुन में हैदराबादी साड़ी भी भिजवाई थी । रिश्तों की चाशनी में अम्माजी पूरी तरह पग्गी हुई थी और जब-जब बातें होते थी । पूरी आत्मीयतापूर्ण घर-परिवार से लेकर बड़े-बुजुर्ग के सुख-दुःख की बातें कह डालती थी । श्रद्धेय राममोहन बाबूजी के निधन के समय मैं ही था••सो मुझें धर्मपुत्र की तरह आशीष मिलता रहा । पहले बाबूजी, अम्माजी, वेंकट रत्मन भैय्याजी, पद्मा वेंकट { भाभीजी } , शीनू भाई, कमलावती [ बड़ी दीदी ] , जया सुब्रमणिहम {छोटी बहनजी } सहित प्रणव, सुश्री स्वाति, पल्लवी, रश्मि,शिल्पी, अर्चना सहित अन्यान्य बच्चों से अथाह प्रेम मिला ••• यानि कि जीवन-भर रिश्तों का अटूट ताना-बाना रहा।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति तथा शांति प्रदान करे । आप सब से निवेदन हैं कि इसे ही शोक-संँदेश समाचार मानकर परिवार को इस असीम दुःख को सहन एवं वहन करने की शक्ति प्रदान करे।

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